नई दिल्ली
सेना ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर में चिनार कोर ने पीओके की लीपा घाटी में स्थित सैन्य ढांचे को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया है। इसे फिर खड़ा करने में 8 से 12 महीने का वक्त लग जाएगा। ऑपरेशन सिंदूर में सेना ने न सिर्फ आतंकियों बल्कि पाकिस्तानी सेना को भी इतने जख्म दिए कि उसे भरने में लंबा वक्त लगेगा। भारतीय सेना की चिनार कोर ने पीओके की लीपा घाटी में स्थित सैन्य ढांचे को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया है। सेना अधिकारियों का कहना है कि इस बुनियादी ढांचे को फिर से खड़ा करने में पाकिस्तान को 8 से 12 महीने का समय लग सकता है।
जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा ज़िले के अग्रिम क्षेत्र तंगधार स्थित नियंत्रण रेखा (LoC) का दौरा करने पर देखा गया कि मई के दूसरे सप्ताह में ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय जवाबी कार्रवाई के बाद पीओके में पाकिस्तानी सैन्य ढांचा तबाह हो चुका है। सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "हमने कम से कम तीन पोस्ट, एक गोला-बारूद डिपो, ईंधन भंडारण सुविधा और तोपखाने जैसे कई ठिकानों को पूरी तरह नष्ट कर दिया। हमारी जवाबी कार्रवाई इतनी प्रभावशाली थी कि पाकिस्तान को इन सबको दोबारा तैयार करने में लंबा वक्त लगेगा।"
पाक के हर हमले का सटीक जवाब
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि पाकिस्तान सेना ने भारी हथियारों के साथ-साथ हवाई साधनों का भी इस्तेमाल किया, लेकिन भारतीय एयर डिफेंस और 'आकाशदीप' रडार प्रणाली की वजह से वह कोई खास नुकसान नहीं पहुंचा पाए। भारतीय सेना ने केवल उन्हीं पाक ठिकानों को निशाना बनाया जहां ज्यादा से ज्यादा नुकसान पहुंचाया जा सकता था। अधिकारियों के अनुसार, इस जवाबी कार्रवाई में कम से कम 64 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए और 96 घायल हुए।
हर सीजफायर का तीन गुना जवाब
चिनार कोर के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया, "हमारा संदेश साफ था—हम हर सीज़फायर उल्लंघन का तीन गुना जवाब देंगे।" 7 मई को मुज़फ्फराबाद के पास 25 मिनट तक चले सटीक हमले में भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पीओके में 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया। यह हमला 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में किया गया था।
सेना अधिकारियों ने बताया कि हमले के दौरान एक पाकिस्तानी ब्रिगेड कमांडर ने मस्जिद में छिपते हुए सैनिकों को संदेश भेजा—"पहले जानें बचाओ, दफ्तर बाद में खुल जाएंगे।" पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर जवाबी हमले की कोशिश की, लेकिन भारतीय सेना ने हर प्रयास को नाकाम किया। अंततः दोनों देशों ने 10 मई को संघर्ष विराम पर सहमति जताई।