नई दिल्ली
केंद्र और तमिलनाडु सरकार के बीच इस समय परिसीमन और भाषा को लेकर विवाद देखने को मिला है। इस विवाद में अब आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू की भी एंट्री हो गई है। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि भाषा से नफरत नहीं की जानी चाहिए। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री यह टिप्पणी ऐसे समय पर आई है, जब दक्षिण के कई राज्यों ने हिंदी के प्रति विरोध दिखाया है। तमिलनाडु की स्टालिन सरकार ने केंद्र पर भाषा थोपने का आरोप लगाया था।
भाषा विवाद पर क्या बोले नायडू
बता दें कि एक आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि भाषा से नफरत नहीं की जानी चाहिए, हिंदी दिल्ली में संचार के लिए उपयोगी है। सीएम ने कहा कि हिंदी और अंग्रेजी दोनों का अपना महत्व है और इन्हें सीखना चाहिए। उन्होंने कहा कि हिंदी राष्ट्रीय भाषा है। अंग्रेजी अंतरराष्ट्रीय भाषा है। इसके साथ उन्होंने कहा कि भारतीय अब विभिन्न देशों में जा रहे हैं। इस बात पर उन्होंने जोर दिया कि आजीविका के लिए हम कोई भी भाषा सीख सकते हैं। हम मातृभाषा को नहीं भूलेंगे। भाषा केवल संचार के लिए होती है। हमें याद रखना चाहिए कि अधिक से अधिक भाषाएं सीखना सबसे अच्छा है।
पवन कल्याण ने भी दी थी प्रतिक्रिया
इससे पहले शुक्रवार को आंध्र प्रदेश के डिप्टी सीएम पवन कल्याण ने तमिलनाडु के नेताओं की आलोचना की और कहा कि राज्य में कथित तौर पर हिंदी थोपने का आरोप लगाना पाखंड है। उन्होंने कहा कि ये नेता हिंदी का विरोध करते हैं, लेकिन वित्तीय लाभ कमाने के लिए तमिल फिल्मों को हिंदी में डब करवाते हैं। इस बयान के बाद उन्होंने इस बात को भी साफ कर दिया कि उन्होंने कभी हिंदी को विरोध नहीं किया है।