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मई में सकल माल एवं सेवा कर कलेक्शन 16.4% बढ़कर 2.01 लाख करोड़ रुपये के पार

नई दिल्ली

सकल माल एवं सेवा कर (जीएसटी) कलेक्शन मई में 16.4 प्रतिशत बढ़कर 2.01 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। रविवार को जारी सरकारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई। इससे पहले, अप्रैल में जीएसटी संग्रह 2.37 लाख करोड़ रुपये के अपने अबतक के लाइफ टाइम हाई पर पहुंच गया था।
क्या है डिटेल

मई में घरेलू लेनदेन से कुल जीएसटी राजस्व 13.7 प्रतिशत बढ़कर लगभग 1.50 लाख करोड़ रुपये हो गया, जबकि आयात से जीएसटी संग्रह 25.2 प्रतिशत बढ़कर 51,266 करोड़ रुपये रहा। मई में कुल केंद्रीय जीएसटी राजस्व 35,434 करोड़ रुपये, राज्य जीएसटी राजस्व 43,902 करोड़ रुपये और एकीकृत जीएसटी संग्रह लगभग 1.09 लाख करोड़ रुपये रहा। उपकर से राजस्व 12,879 करोड़ रुपये रहा। मई, 2024 में जीएसटी संग्रह 1,72,739 करोड़ रुपये रहा था।

इस बीच, महीने के दौरान कुल रिफंड चार प्रतिशत घटकर 27,210 करोड़ रुपये रह गया। माह के दौरान शुद्ध जीएसटी संग्रह 20.4 प्रतिशत की सालाना वृद्धि के साथ लगभग 1.74 लाख करोड़ रुपये रहा। डेलॉयट इंडिया के साझेदार एम एस मणि ने कहा कि राज्यों में जीएसटी संग्रह में वृद्धि में व्यापक आधार पर अंतर देखा जा रहा है। ऐसे में प्रत्येक राज्य में ऐसे क्षेत्रों का गहन विश्लेषण करने की जरूरत है, जो उसके लिए महत्वपूर्ण हैं।

रिफंड के बात इतना रहा GST कलेक्शन

जीएसटी कलेक्शन के आंकड़ों के अनुसार रिफंड के बाद भी मई 2025 में सालाना आधार पर मई 2024 के मुकाबले 20.4% की बढ़ोतरी हुई है. आपको बता दें मई 2025 में शुद्ध जीएसटी कलेक्शन 1.73 लाख करोड़ रुपए है, जो मई 2024 में केवल 1.44 लाख करोड़ रुपए था. मई 2025 में जीएसटी रिफंड 27,210 करोड़ रुपए रहा जो साल-दर-साल 4 प्रतिशत कम है. वहीं बजट के समय सरकार ने इस फाइनेंशियल ईयर में जीएसटी कलेक्शन में 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी की उम्मीद की थी, जिसमें सेंट्रल जीएसटी और जीएसटी क्षतिपूर्ति सेस सहित 11.78 लाख करोड़ रुपए का जीएसटी कलेक्शन की उम्मीद की गई है.
अप्रैल के मुकाबले इतना घटा GST कलेक्शन

अप्रैल 2025 में सरकार की GST से रिकॉर्ड 2.37 लाख करोड़ रुपए की आमदनी हुई थी. सालाना आधार पर अप्रैल में जीएसटी कलेक्शन में 12.6 प्रतिशत की ग्रोथ थी. इसमें इंपोर्ट ड्यूटी से प्राप्त होने वाला जीएसटी 51,266 करोड़ रुपए और डोमेस्टिक सोर्स से मिलने वाला जीएसटी 1,49,785 लाख करोड़ रुपए था. मई में ग्रोस जीएसटी कलेक्शन 4.37 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो पिछले साल की समान अवधि में एकत्र 3.83 लाख करोड़ रुपए की तुलना में 14.3 प्रतिशत की ज्यादा है.

महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक और तमिलनाडु जैसे बड़े राज्यों ने संग्रह में 17 प्रतिशत से 25 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है, जबकि गुजरात, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना जैसे बड़े राज्यों ने छह प्रतिशत तक की वृद्धि दिखाई है। मध्यप्रदेश, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान जैसे कुछ राज्यों में जीएसटी संग्रह में औसतन 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। मणि ने कहा, “इसलिए, देशभर में औसत वृद्धि, संभवतः क्षेत्रीय या मौसमी कारकों के कारण राज्यों में समान रूप से परिलक्षित नहीं होती है, जिसके लिए गहन डेटा आधारित विश्लेषण की आवश्यकता होती है।”

जीएसटी काउंसिल की बैठक हर तीन महीने में एक बार होनी चाहिए। हालांकि, जीएसटी काउंसिल की बैठक पिछले चार महीनों से नहीं हुई है। पिछली बैठक दिसंबर में हुई थी और उसके बाद से कोई बैठक नहीं हुई है। जीएसटी दरों में संशोधन जीएसटी काउसिंल की बैठक में ही हो सकता है। उम्मीद थी कि जीएसटी परिषद की बैठक अप्रैल के अंत या मई के पहले सप्ताह तक हो जाएगी, लेकिन अब सूत्रों का कहना है कि मई के अंत से पहले इसके होने की संभावना कम है। बता दें कि 1 फरवरी के बजट में इनकम टैक्स में राहत देने के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मार्च में कहा था कि अब जीएसटी में भी राहत देने की तैयारी की जा रही है। ऐसे में काउंसिल की अगली बैठक का हर किसी को इंतजार है।

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