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‘भारत सिंधु जल संधि पर फिर से विचार करें’, प्यास से गला सूखा तो गिड़गिड़ाया पाकिस्तान

नई दिल्ली

22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाते हुए सिंधु जल संधि को रोकने का ऐलान किया था. इससे पाकिस्तान घुटनों पर आ गया है. इस फैसले को लेकर पाकिस्तान ने भारत से अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने की गुहार लगाई है. पाकिस्तान के जल संसाधन मंत्रालय ने भारत के जल शक्ति मंत्रालय को पत्र लिखकर अपील की है कि भारत का यह कदम पाकिस्तान में गंभीर जलसंकट पैदा कर सकता है. पत्र में भारत से अपील की गई है कि वह इस निर्णय पर पुनर्विचार करे.

सिंधु जल समझौते को ठंडे बस्ते में डालने के भारत सरकार के फैसले के बाद पाकिस्तान में हड़कंप मच गया है. पाक की शहबाज सरकार ने भारत से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की है. भावी संकट को देखते हुए भारत से गुहार लगाई है. शहबाज सरकार ने कहा कि इस फैसले से पाकिस्तान में संकट हो जाएगा.

पाकिस्तान के जल संसाधन मंत्रालय में सचिव सैय्यद अली मुर्तुजा ने जल शक्ति मंत्रालय में सचिव देवश्री मुखर्जी को पत्र लिखा है. इसमें फैसले पर दोबारा विचार करने की अपील की है. पत्र में कहा गया है कि पाकिस्तान इस मसले पर बात करने को तैयार है. सूत्रों के अनुसार नियम के मुताबिक यह पत्र विदेश मंत्रालय भेज दिया गया है.

पाकिस्तान का कहना है कि अगर भारत तीन नदियों के जल पर अपने अधिकार का पूर्ण उपयोग करने लगा, तो पाक‍िस्‍तान के कई राज्‍यों में गंभीर जल संकट पैदा हो जाएगा. इस खतरे को भांपते हुए पाकिस्तान ने भारत से तुरंत बात करने की अपील की है. लेकिन भारत इस बार नरमी के मूड में नहीं दिखता. पीएम मोदी ने एक द‍िन पहले ही कहा था क‍ि पाक‍िस्‍तान को क‍िसी भी तरह की रियायत नहीं दी जाएगी.

खून और पानी एकसाथ नहीं बह सकते- PM मोदी

सूत्रों से मुताबिक भारत को पाकिस्तान की गुहार से कोई हमदर्दी नहीं. पीएम मोदी ने सोमवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा था कि खून और पानी एकसाथ नहीं बह सकते. भारत अब तीन नदियों के पानी का अपने लिए इस्तेमाल करने की योजना बना रहा है. इस पर तुरंत काम शुरू कर दिया गया है. इसके अलावा मध्यकालिक और दीर्घकालिक योजनाओं को भी अंतिम रूप दिया जा रहा है.

 भारत ने बना ल‍िया प्‍लान
सूत्रों के मुताबिक भारत सरकार पाकिस्तान की गुहार से प्रभावित नहीं है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हालिया राष्ट्र के नाम संबोधन में साफ किया कि खून और पानी साथ नहीं बह सकते. यह बयान पाकिस्तान के लिए भारत के कड़े संदेश की तरह देखा जा रहा है. भारत अब रावी, ब्यास और सतलुज नदियों के जल पर अपना अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करने की योजना बना रहा है, जिससे पाकिस्तान की चिंताएं और गहराती जा रही हैं.

क्‍यों बेचैन है पाक‍िस्‍तान
सिंधु जल समझौता सस्पेंड होने से पाकिस्तान बेचैन है. क्योंकि उसकी कृषि और वाटर सप्‍लाई का बड़ा हिस्सा भारत से बहने वाली नदियों झेलम, चेनाब और सिंधु पर निर्भर है. भारत अगर इन नदियों के पानी को रोककर अपने इस्तेमाल में लाता है तो पाकिस्तान में सिंचाई, पीने के पानी और बिजली उत्पादन पर बड़ा असर पड़ेगा. पहले से जल संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के लिए यह स्थिति और भी गंभीर हो जाएगी. भारत की योजना से उसे 3 नदियों के जल पर अधिक नियंत्रण मिलेगा, जिससे पाकिस्तान की जल-आर्थिक सुरक्षा पर सीधा खतरा मंडराने लगा है.

सिंधु जल समझौता पाकिस्तान की लाइफ लाइन

दरअसल, पहलगाम हमले के अगले ही दिन भारत ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौते को निलंबित कर दिया था. 1960 में हुए सिंधु जल समझौते को पाकिस्तान की लाइफ लाइन माना जाता है. पाकिस्तान की करीब 21 करोड़ से ज्यादा की आबादी पानी के लिए सिंधु और उसकी चार सहायक नदियों पर निर्भर है. इसके अलावा 90% जमीन में सिंचाई का पानी सिंधु नदी से मिलता है.
तनाव के बाद भारत ने रोका चिनाब नदी पानी

भारत ने पाकिस्तान के साथ 1965, 1971 और 1999 की जंग के बाद भी सिंधु जल समझौते को सस्पेंड नहीं किया था. लेकिन पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए बड़ा कदम उठाया है. भारत ने चिनाब नदी पर बने बगलिहार बांध से पाकिस्तान की ओर जाने वाले पानी के प्रवाह को रोक दिया और झेलम पर किशनगंगा परियोजना से भी पानी के बहाव को कम कर दिया.

 

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