नई दिल्ली
भारत के सांसद चाहे किसी भी पार्टी से हों, इन दिनों एकजुट नजर आ रहे हैं। शशि थरूर, असदुद्दीन ओवैसी, अभिषेक बनर्जी, सुप्रिया सुले से लेकर रविशंकर प्रसाद तक सभी सांसद विदेशों में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं और आतंकवाद के खिलाफ एक सुर में बोल रहे हैं। इन नेताओं का कहना है कि आतंकवाद किसी एक देश की नहीं बल्कि पूरी दुनिया की समस्या है। न्यूयॉर्क, बहरीन और यूरोप के अलग-अलग मंचों से सभी नेताओं ने पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश दिया है आतंकियों को पनाह दोगे तो बख्शे नहीं जाओगे।
ऑपरेशन सिंदूर के जरिए भारत का वैश्विक संदेश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात में साफ कहा ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं है, बल्कि आतंक के खात्मे का राष्ट्रीय अभियान है। पीएम मोदी ने अपील की कि देशवासी विदेशी सामानों की पहचान करें और उसका बहिष्कार करें। उनका कहना है कि पाकिस्तान आतंक को ही टूरिज्म मानता है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि ये सिर्फ सैनिकों की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि 140 करोड़ नागरिकों की साझा जिम्मेदारी है।
शशि थरूर ने दिखाई विपक्ष के भीतर राष्ट्रवाद की लहर
न्यूयॉर्क में कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने 9/11 मेमोरियल जाकर श्रद्धांजलि दी और कहा कि भारत आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने दो टूक कहा—हमने हमला शुरू नहीं किया, लेकिन जवाब जरूर दिया। थरूर का यह भी कहना है कि भले ही वो सरकार का हिस्सा नहीं हैं, लेकिन जब देश की बात आती है, तो सियासत पीछे रह जाती है। वो खुलकर स्वीकार करते हैं कि उन्होंने खुद एक लेख में सटीक लेकिन सोच-समझ कर हमला करने की बात कही थी और भारत ने बिल्कुल वैसा ही किया।
ओवैसी बोले-इस्लाम आतंकवाद का विरोध करता है
AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी ने बहरीन में साफ शब्दों में कहा कि आतंकवाद का इस्लाम से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कुरान का हवाला देते हुए कहा कि बेकसूर की हत्या मानवता की हत्या के समान है। ओवैसी ने यह भी कहा कि मजहब का सहारा लेकर निर्दोष लोगों की जान लेना सबसे बड़ा अपराध है, और ऐसा करने वालों को किसी भी धर्म का प्रतिनिधि नहीं माना जा सकता।
टीएमसी के अभिषेक बनर्जी ने कहा–पाकिस्तान आतंक का हैंडलर
तृणमूल कांग्रेस महासचिव अभिषेक बनर्जी ने आतंकवाद को खतरनाक पागल कुत्ता बताया और पाकिस्तान को उसका दुष्ट हैंडलर। उनका कहना है कि जब तक इस ‘हैंडलर’ से दुनिया निपटेगी नहीं, तब तक आतंकवाद की बीमारी फैलती रहेगी।