TIL Desk Guwahati/ उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता को विधानसभा से हरी झंडी मिलने के बाद अब असम ने भी इस दिशा में पहला कदम बढ़ा दिया है. असम में मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण कानून 1930 को निरस्त कर दिया गया है. हिमंत बिस्व सरमा सरकार ने इस कानून को निरस्त करने का फैसला शुक्रवार की रात को लिया. मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान इस पर मुहर लगाई गई. कैबिनेट मंत्री जयंत बरुआ ने इसे समान नागरिक संहिता (यूसीसी) की दिशा में एक बड़ा कदम बताया. उन्होंने कहा, “हमारे मुख्यमंत्री ने पहले ही घोषणा की थी कि असम एक समान नागिक संहिता लागू करेगा. आज हमने मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण कानून को निरस्त करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है.”
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