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पासपोर्ट बनवाने के लिए अब आवेदक को जन्म प्रमाण पत्र देना अनिवार्य, बदल गए पासपोर्ट बनाने के नियम

नई दिल्ली
पासपोर्ट एक अहम दस्तावेज होता है, जो विदेश मंत्रालय के पासपोर्ट विभाग द्वारा जारी किया जाता है। यह पहचान के साथ-साथ नागरिकता साबित करने वाला अहम दस्तावेज है। बिना पासपोर्ट के विदेश (कुछ देशों को छोड़कर) जाना संभव नहीं हो सकता है। विदेशों में पासपोर्ट के जरिए ही आपकी नागरिकता साबित होती है। भारत सरकार ने पासपोर्ट बनवाने के नियमों में बदलाव किया है। अब किसी भी आवेदक के लिए जन्म प्रमाण पत्र देना अनिवार्य कर दिया गया है। यानी ऐसे लोग जिनका जन्म 1 अक्टूबर, 2023 के बाद हुआ है और वे पासपोर्ट बनाने को इच्छुक हैं तो उनके लिए अब अपने जन्म तिथि के लिए बर्थ सर्टिफिकेट देना अनिवार्य कर दिया गया है।

1. जन्म प्रमाण पत्र: 1 अक्टूबर, 2023 के बाद जन्मे लोग अगर पासपोर्ट बनवाना चाह रहे हैं तो उनकी जन्म तिथि के लिए केवल जन्म प्रमाण पत्र ही मान्य होंगे। हालांकि, इससे पहले जन्मे लोग 10वीं बोर्ड की मार्कशीट या सर्टिफिकेट, स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस या कोई अन्य सरकारी आईडी जैसे अतिरिक्त दस्तावेजों के आधार पर अपनी जन्म तिथि साबित कर सकते हैं।

2. आवासीय पता: बदले हुए पासपोर्ट के आखिरी पन्ने में अब आवासीय पता नहीं प्रिंट किया जाएगा; इसकी बजाय, इमिग्रेशन अधिकारी बारकोड को स्कैन कर जानकारी हासिल कर सकेंगे।

3. रंग-कोडिंग प्रणाली: पासपोर्ट के लिए अब एक नई रंग-कोडित प्रणाली की शुरुआत की गई है। अधिकारियों के लिए सफेद, राजनयिकों के लिए लाल और आम नागरिकों के लिए नीले रंग का पासपोर्ट जारी किया जाएगा जो अधिकारियों के लिए पासपोर्ट की पहचान करने में सुगमता और सहजता प्रदान करेगा।

4. माता-पिता का नाम हटाना: पासपोर्ट धारकों के माता-पिता के नाम अब पासपोर्ट के आखिरी पन्ने पर नहीं छापा जाएगा। इस नियम से एकल अभिभावक या अलग-थलग परिवारों के बच्चों को राहत मिलेगी और उनकी गोपनीयता बरकरार रहेगी।

5. पासपोर्ट सेवा केंद्र का विस्तार: सरकार ने फैसला किया है कि अगले पाँच वर्षों में पासपोर्ट सेवा केंद्रों की संख्या 442 से बढ़कर 600 हो जाएगी। इससे आवेदकों के लिए सुरक्षा, दक्षता और सुविधा बढ़ सकेगी।

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