नई दिल्ली
भारतीय रिजर्व बैंक ने बड़ी खुशखबरी दी है। RBI ने शुक्रवार 6 जून को रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती का ऐलान किया है। अब रेपो रेट घटकर 5.5% पर आ गई है, जो पहले 6% थी। ये इस साल की लगातार तीसरी कटौती है। इससे पहले फरवरी और अप्रैल में भी रेपो रेट में कटौती की जा चुकी है। RBI के इस फैसले से होम लोन, ऑटो लोन और दूसरे कर्ज सस्ते हो सकते हैं। आम लोगो
मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी के 6 में से 5 सदस्यों ने 0.50% कटौती के समर्थन में किया वोट
भारतीय रिजर्व बैंक कीमॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) के 6 में से 5 सदस्यों ने रेपो रेट में 0.50% की कटौती का समर्थन किया। डॉ नागेश कुमार, प्रो. राम सिंह, डॉ राजीव रंजन, डॉ पूनम गुप्ता और गवर्नर संजय मल्होत्रा ने 50 बेसिस पॉइंट की कटौती के पक्ष में वोट किया। हालांकि, सौगाता भट्टाचार्य ने थोड़ी नरमी दिखाते हुए सिर्फ 25 बेसिस पॉइंट की कटौती की सिफारिश की। इस वोटिंग के बाद अब रेपो रेट घटकर 5.5% पर आ गई है, जो इस साल की तीसरी कटौती है।
मंहगाई में भी मिलेगी राहत
Repo Rate में बंपर कटौती 0.50% की कटौती के बारे में जानकारी शेयर करते हुए आरबीआई गनर्वर संजय मल्होत्रा ने बताया कि बैठक में SDF रेट 5.75% से घटाकर 5.25% किया गया है, जबकि MSF रेट को भी 6.25% से घटाकर 5.75% कर दिया गया है. उन्होंने ग्लोबल मार्केट में अनिश्चितता बरकरार रहने की बात कहते हुए FY26 महंगाई अनुमान भी जाहिर किया और ये 3.7% रखा गया है. इससे पहले ये 4 फीसदी जताया गया था. इसके साथ ही RBI Governor ने बताया कि बैठक में कैश रिजर्व रेशियो (CRR) को भी 4 फीसदी से 100 बेसिस पॉइंट घटाकर 3 फीसदी करने का फैसला किया गया है.
इकोनॉमिक ग्रोथ को मिलेगा सपोर्ट
रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने रेपो रेट कट का ऐलान करते हुए इस कदम को इकोनॉमिक ग्रोथ को सपोर्ट करने वाला बताया. उन्होंने आगे कहा कि भारत लगातार निवेश के लिए फेवरेट डेस्टिनेशन बन रहा है. भारत का विदेशी मुद्रा भंडार भी लगातार बढ़ रहा है और ये फिलहाल 691.5 अरब डॉलर पर पहुंच चुका है. इसके अलावा उन्होंने एक और अहम जानकारी शेयर करते हुए बताया कि आर्थिक हालात को देखते हुए आरबीआई ने अपनी मॉनिटरी पॉलिसी स्ट्रेटजी का रुख Accommodative से बदलकर अब Neutral कर दिया है. यानी अब रिजर्व बैंक रेपो रेट घटाने या बढ़ाने को लेकर कोई अक्रामक फैसला नहीं लेगा.
रेपो रेट कम होने पर घटती है Loan EMI
Repo Rate का सीधा कनेक्शन बैंक लोन लेने वाले ग्राहकों से होता है. इसके कम होने से लोन की ईएमआई घट जाती है और इसमें इजाफा होने से ये बढ़ जाती है. दरअसल, रेपो रेट वह दर है जिस पर किसी देश का केंद्रीय बैंक धन की किसी भी कमी की स्थिति में वाणिज्यिक बैंकों को पैसा उधार देता है. रेपो रेट का उपयोग मौद्रिक अधिकारियों द्वारा इंफ्लेशन को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है.
Repo Rate कट की लगाई हैट्रिक
आरबीआई एमपीसी की बैठक बीते 4 जून को शुरू हुई थी और आज 6 जून को इसके नतीजों का ऐलान किया गया. ताजा रेपो रेट कट से पहले भी इसमें इस साल की बीती दो बैठकों में राहत दी गई थी. इससे पहले फरवरी में हुई बैठक में रेपो रेट 0.25 फीसदी घटाया गया था, जिसके बाद ये कम होकर 6.50% से कम होकर 6.25% फीसदी पर आ गया था. तो इसके बाद अप्रैल में हुई FY26 की पहली MPC बैठक में एक बार फिर 25 बेसिस पॉइंट की कटौती कर इसे 6% कर दिया गया था औऱ अब रिजर्व बैंक ने Repo Rate Cut की हैट्रिक लगाकर लोन लेने वाले ग्राहकों को बड़ा तोहफा दिया है.
50 लाख के लोन पर कितनी घटेगी EMI
मान लीजिए आपने किसी बैंक से 50 लाख का होम लोन 30 सालों के लिए लिया है और इसके बदले आप 9% का ब्याज दे रहे हैं तो आपकी मंथली EMI 40,231 रुपये होगी. वहीं RBI के रेपो रेट में 50 बेसिस पॉइंट की कटौती के बाद यह ईएमआई घटकर 38,446 रुपये हो जाएगी. यानी मंथली ईएमआई में 2000 रुपये की कटौती होगी.