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सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक आदेश- आइएमए में पहली बार कदम रखेंगी महिलाएं, बुलंद हौसलों से राह

नई दिल्ली
भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) देहरादून में पहली बार महिला अधिकारियों को भी ट्रेनिंग दी जाएगी। यह बदलाव तीन साल पहले सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आया है, जब राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) खड़गवासला में महिला अधिकारियों की ट्रेनिंग शुरू की गई थी। अब आइएमए में भी महिला अधिकारियों के लिए दरवाजे खोले जा रहे हैं और उन्हें सेना की तीनों शाखाओं में ट्रेनिंग दी जाएगी।

सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक आदेश:
2022 में सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसले में कहा था कि महिलाएं भी एनडीए की परीक्षा में बैठ सकती हैं और सेना में अफसर बन सकती हैं। इसके बाद से महिलाओं के लिए सेना में कदम रखने का रास्ता खुल गया है। अब तक, आइएमए में महिलाओं को प्रशिक्षण नहीं दिया जाता था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने इस तस्वीर को पूरी तरह से बदल दिया है।

एनडीए और आइएमए में महिलाओं की ट्रेनिंग:
अभी तक, 145 महिलाओं को कर्नल की रैंक दी जा चुकी है और 115 महिलाएं यूनिट की कमान संभाल चुकी हैं। वर्तमान में, एनडीए में 126 महिला अफसरों की ट्रेनिंग चल रही है। इनमें से आठ महिलाओं ने थल सेना को अपने करियर का विकल्प चुना है। इन महिला अधिकारियों को आइएमए में एक साल की ट्रेनिंग दी जाएगी, जिसके बाद उन्हें कमीशन मिल जाएगा।

महिलाओं का बढ़ता कदम:
महिलाओं के लिए यह बदलाव भारतीय सेना में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न सिर्फ उनके आत्मविश्वास को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि सेना में महिलाओं की भागीदारी भी मजबूत होगी। यह कदम सेना की कार्यशक्ति में विविधता लाने और समानता की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा। आने वाले समय में, यह देखा जाएगा कि महिला अधिकारियों की ट्रेनिंग और उनके योगदान से सेना में कैसे बदलाव आता है।
 

 

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