नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में 2025-26 के खरीफ सीजन के लिए धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य ( MSP ) को 69 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ा दिया गया है। अब धान का MSP बढ़कर 2,369 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है। सरकार ने किसानों को उनकी फसल का लाभकारी मूल्य दिलाने के लिए अन्य खरीफ फसलों के MSP में भी इजाफा किया है। सबसे ज्यादा MSP बढ़ोतरी नाइजरसीड के लिए हुई है, जिसमें 820 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी हुई है।
अन्य प्रमुख MSP बढ़ोतरी इस प्रकार हैं:
रागी: 596 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि
कपास: 589 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि
तिल: 579 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि
MSP में की गई बढ़ोतरी से साफ है कि सरकार का फोकस किसानों की आमदनी बढ़ाने और उन्हें फसल विविधता अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने पर है। इससे पोषण सुरक्षा भी मजबूत होगी।
कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने कहा कि किसानों को उनकी लागत पर सबसे ज्यादा मुनाफा बाजरा (63%) में मिलेगा। इसके बाद मक्का और तुअर (59%), और उड़द (53%) का स्थान है। बाकी फसलों में भी किसानों को 50% तक का लाभ मिलने का अनुमान है। यह कदम किसानों को अधिक लाभदायक और पोषणयुक्त फसलें उगाने के लिए प्रेरित करेगा।
किसानों के लिए ब्याज सहायता योजना (MISS) जारी रहेगी
कैबिनेट ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए संशोधित ब्याज सहायता योजना (MISS) को भी जारी रखने की मंजूरी दी है। इसका उद्देश्य किसानों को कम ब्याज दर पर फसल ऋण उपलब्ध कराना है।
MSP के लिए 2,07,000 करोड़ रुपये को मंजूरी
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि खरीफ विपणन सत्र 2025-26 के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को मंजूरी दी गई है, जिसकी अनुमानित लागत 2,07,000 करोड़ रुपये होगी. यह समर्थन मूल्य कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (CACP) की सिफारिशों पर आधारित है, जिसमें उत्पादन लागत पर कम से कम 50% लाभ सुनिश्चित किया गया है. इसके अलावा, देश-दुनिया की कीमतें, फसलों के बीच संतुलन, कृषि और गैर-कृषि क्षेत्र के बीच व्यापार संतुलन जैसे कई अहम पहलुओं पर भी विचार किया गया है.
इसके अलावा किसानों को कार्यशील पूंजी (working capital) की सुगम उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए ब्याज सबवेंशन योजना को मंजूरी दी गई है. इस योजना पर 15,642 करोड़ रुपये खर्च होंगे और इसके तहत किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के जरिए किसानों को लोन दिया जाएगा.
सरकार की ब्याज सबवेंशन योजना
सरकार की ब्याज सबवेंशन योजना के तहत किसानों को खेती, बागवानी सहित फसलों के लिए 3 लाख रुपये तक और सहायक कृषि गतिविधियों (जैसे पशुपालन, मछली पालन आदि) के लिए 2 लाख रुपये तक का ऋण 7% सालाना की रियायती ब्याज दर पर उपलब्ध कराया जाएगा. इस योजना में सरकार 1.5% ब्याज की मदद देती है और अगर किसान समय पर पैसा वापस करते हैं तो उन्हें 3% की अतिरिक्त छूट मिलती है. इस तरह किसानों को कुल मिलाकर सिर्फ 4% ब्याज देना होता है, जो उनके लिए बहुत फायदेमंद है.
साथ ही, 2 लाख रुपये तक के ऋण पर कोई गारंटी नहीं ली जाएगी. देशभर के 449 बैंक और वित्तीय संस्थानों को एक ही पोर्टल से जोड़ा गया है, जिससे किसानों को ऋण मिलना और आसान होगा.
इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर बड़ा ऐलान
तीसरा फैसला इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर है, जिसमें आंध्र प्रदेश के बदवेल से नेल्लोर तक 108 किलोमीटर लंबे 4-लेन हाइवे के निर्माण को मंजूरी दी गई है. यह प्रोजेक्ट 3,653 करोड़ रुपये की लागत से BOT (Build-Operate-Transfer) टोल मोड पर 20 साल की अवधि में पूरा किया जाएगा.
यह हाइवे राष्ट्रीय राजमार्ग-67 (NH-67) का हिस्सा होगा और कृष्णपट्टनम पोर्ट से सीधे संपर्क प्रदान करेगा. यह मार्ग विशाखापत्तनम-चेन्नई (VCIC), हैदराबाद-बेंगलुरु (HBIC) और चेन्नई-बेंगलुरु (CBIC) जैसे औद्योगिक कॉरिडोरों के प्रमुख नोड्स को जोड़ेगा. इससे हुबली, होस्पेट, बेल्लारी, गूटी, कडप्पा और नेल्लोर जैसे आर्थिक केंद्रों को भी लाभ मिलेगा.
MISS योजना के मुख्य बिंदु:
किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के जरिए 3 लाख रुपये तक का अल्पकालिक ऋण 7% की ब्याज दर पर मिलेगा।
सरकार ऋण देने वाले संस्थानों को 1.5% की ब्याज सहायता देगी।
अगर किसान समय पर ऋण चुकाते हैं, तो उन्हें 3% की अतिरिक्त छूट मिलेगी। इससे उनकी कुल ब्याज दर सिर्फ 4% रह जाएगी।
यह सुविधा पशुपालन और मत्स्य पालन के लिए भी लागू है, लेकिन इसमें ऋण सीमा 2 लाख रुपये है।
केंद्रीय मंत्री ने दी जानकारी
कैबिनेट फैसलों की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि किसानों के लिए यह दो बड़े फैसले हैं – MSP में बढ़ोतरी और ब्याज सहायता योजना। इसके अलावा, तीन प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को भी मंजूरी दी गई है, जिनमें एक चार लेन का राजमार्ग और दो नई रेलवे लाइनें शामिल हैं।