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उदयपुर में बना विश्वकीर्तिमान, दान में मिले 3 लाख कपड़े

उदयपुर में बना विश्वकीर्तिमान, दान में मिले 3 लाख कपड़े

उदयपुर डेस्क/ उदयपुर एक अद्भुत अभियान का साक्षी बन गया है। वस्त्रदान अभियान के अंतर्गत दुनियाभर के 76,000 दानदाताओं ने जरूरतमंदों के लिए तीन लाख से भी अधिक कपड़ों का दान कर विश्व रिकॉर्ड तोड़ दिया। इसके पूर्व यह विश्व कीर्तिमान दुबई के नाम था, जहां 2016 में स्थानीय लोगों ने 295,122 कपड़ों का दान किया था। इस अभियान का आयोजन लक्ष्यराजसिंह मेवाड़ द्वारा किया गया। अभियान के अंतर्गत 12 से भी अधिक देशों से लोगों ने दान में सहयोग किया। इनमें ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, ओमान, श्रीलंका तथा यूएई जैसे देश शामिल थे। अभियान के लिए भारत तथा देश के बाहर कुल 80 ड्राप पॉइंट्स बनाए गए थे, जहां लोग वस्त्रदान कर सकते थे।

इस उपलब्धि के बारे में लक्ष्यराजसिंह मेवाड़ ने कहा, रोटी, कपड़ा और मकान मनुष्य की तीन सबसे अधिक आवश्यक जरूरतों में माने जाते हैं। दान देने संबंधी मुहिम, जिनमें शासकीय योजनाएं भी शामिल हैं, ज्यादातर भोजन और मकान की उपलब्धता पर केंद्रित होती हैं। लेकिन हम भूल जाते हैं कि कपड़े भी कितने महत्वपूर्ण हैं। इस संदर्भ में इस रिकॉर्ड को तोड़ना हमारे लिए केवल एक शुरुआत है, इसका अगला कदम भारतभर के जरूरतमंद तबकों में लाखों लोगों को ये कपड़े बांटने हैं।

अभियान की शुरुआत लक्ष्यराजसिंह मेवाड़ ने 15 जनवरी, 2018 को की थी और यह दुनियाभर के 1700 वॉलेंटियर्स की मदद से तीन माह तक चला। अभियान का समापन रविवार सुबह शिखरबाड़ी होटल, उदयपुर में कपड़ों की गिनती के साथ हुआ। सफलता से गौरवान्वित लक्ष्यराजसिंह ने कहा, इस नेक काज के लिए हमें दुनियाभर के लोगों की बहुत शानदार प्रतिक्रिया प्राप्त हुई। विश्व रिकॉर्ड तोड़ने की इस सफलता से उदयपुर के नाम को दुनिया के नक्शे पर केवल ‘झीलों के शहर’ के रूप में ही नहीं, बल्कि ‘बड़े दिल वालों का शहर’ के तौर पर भी स्थापित करने में मदद मिलेगी।

इस अभियान में योगदान देने वालों में प्रमुख तौर पर गुजरात से खोड़ल धाम ट्रस्ट, मशहूर संगीतकार जोड़ी सलीम-सुलेमान, ख्यात क्रिकेटर इरफान तथा युसूफ पठान एवं गैर सरकारी संगठन गूंज तथा क्लॉथ्स बॉक्स फाउंडेशन जैसे नाम शामिल हैं। तीन माह तक चले इस अभियान में दानदाताओं के रूप में देशभर के 120 से भी अधिक स्कूलों तथा 10 कॉलेजों के विद्यार्थी भी शामिल हुए। अभियान के साथ-साथ कार्यरत सोशल मीडिया की पहुंच ने छह लाख से अधिक ऑनलाइन समर्थकों को भी इस अच्छे काम से जोड़ा।

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