Social

नया स्मार्टफोन खरीदने की कर रहे हैं प्लानिंग, कितनी होनी चाहिए रैम और स्टोरेज?

जब आप प्रीमियम, फ्लैगशिप या कोई हाई एंड स्मार्टफोन खरीदते हैं तो आपको पर्याप्त रैम और स्टोरेज मिलता है। लेकिन, बजट और मिड रेंज फोन में एक समय के बाद स्टोरेज की कमी के चलते फोन की परफार्मेंस में गिरावट आने लगती है।

आज 2025 में जब फोन में एआई फीचर्स, ढेर सारे ऐप्स, गेमिंग जैसी जरूरतें बढ़ रही हैं, तो पर्याप्त रैम और स्टोरेज आवश्यक है। हालांकि, अधिकांश एंड्रायड फोन अब 128 जीबी स्टोरेज वैरिएंट में उपलब्ध हैं, लेकिन इसका काफी हिस्सा ऑपरेटिंग सिस्टम और प्री-इंस्टाल्ड ऐप्स में खर्च हो जाता है, शेष थर्ड पार्टी ऐप्स और यूजर डाउनलोड के लिए बचता है।

देश में अब भी 16 जीबी या 32 जीबी स्टोरेज स्पेस वाले स्मार्टफोन के उपभोक्ता हैं, ऐसे में क्या इन लोगों को एंड्रायड के नए वर्जन का लाभ मिल पाएगा, तो इसका जवाब है- नहीं। 'एंड्रायड अथॉरिटी' की एक रिपोर्ट मानें तो गूगल ने एंड्रायड 15 के लिए न्यूनतम स्टोरेज की सीमा को बढ़ाकर 32 जीबी कर दिया है।

नए फोन में पर्याप्त स्टोरेज का ध्यान
एंड्रायड 15 के फुल वर्जन आधारित स्मार्टफोन में न्यूनतम 32 जीबी स्टोरेज की अनिवार्यता के साथ न्यूनतम चार जीबी रैम (रैंडम एक्सेस मेमोरी) की भी अनिवार्यता की गई है। खास बात है कि 32 जीबी स्टोरेज स्पेस का 75 प्रतिशत तक हिस्सा डेटा पार्टिशन में प्रयोग होता है। दरअसल, डेटा पार्टिशन ऐसा एरिया होता है, जहां सिस्टम फाइल्स, प्री-इंस्टाल्ड ऐप्स और सिस्टम ऐप डेटा आदि स्टोर होते हैं।

साल 2022 में एंड्रायड-13 के लांच के साथ स्टोरेज की यह सीमा 16 जीबी थी। समय के साथ स्टोरेज की बढ़ती जरूरत को देखते हुए इसमें वृद्धि होती रही। हालांकि, गूगल किसी स्मार्टफोन निर्माता कंपनी को आधिकारिक तौर पर न्यूनतम 32 जीबी स्टोरेज स्पेस के लिए बाध्य नहीं कर सकता। लेकिन, गूगल मोबाइल सर्विसेज (जीएमएस) के लिए एंड्रायड डिवाइसेज में यह अनिवार्यता संभव है। जीएमएस गूगल सर्च, गूगल प्ले, गूगल ड्राइव, जीमेल, यूट्यूब और गूगल सपोर्टेड एपीआइ आदि प्रोप्रायरिटी ऐप्स का संग्रह है।

बढ़ते रैम के साथ स्मार्ट होता फोन
आज के 10 वर्ष पहले तक एंड्रायड डिवाइसेज में 512 एमबी या एक जीबी की मेमोरी होती थी। लेकिन समय के साथ डिवाइसेज में औसत रैम बढ़ता गया। साल 2014 की बात करें तो कई सारे प्रीमियम डिवाइसेज में अमूमन तीन जीबी की रैम होती थी, लेकिन इसके बाद चार जीबी रैम वाले फोन को एक मानक के तौर पर देखा जाने लगा। आज के समय में चार जीबी रैम तो न्यूनतम जरूरत है। अब बजट फोन में भी आठ जीबी रैम वाले फोन आ रहे हैं, तो वहीं प्रीमियम और प्लैगशिप फोन में 12 जीबी और उससे अधिक रैम के फोन उपलब्ध हैं।

स्टोरेज को करें मैनेज
नियमित क्लीनअप : फोन की परफॉर्मेंस सही रखने के लिए प्रयोग में नहीं आने वाले ऐप्स, फोटो, वीडियो को डिलीट करते रहना चाहिए।

एक्सटर्नल स्टोरेज : माइक्रो एसडी सपोर्ट या बाहरी ड्राइव के जरिए स्टोरेज बढ़ाने की सुविधा वाले फोन देख सकते हैं।

क्लाउड स्टोरेज : लोकल स्टोरेज को फ्री करने के लिए गूगल ड्राइव या आइक्लाउड जैसी सेवाओं का लाभ लिया जा सकता है।

क्यों जरूरी है रैम और स्टोरेज को मैनेज करना
आपके डिवाइस में कितना रैम है, इससे अधिक यह समझने की जरूरत है कि डिवाइस में यह एक सीमित संसाधन है, जिसे हमें मैनेज करना होता है। जब आप किसी ऐप को ओपन करते हैं तो वह मेमोरी का एक हिस्सा कवर कर लेता है। जहां सामान्य ऐप्स और गेम कुछ सौ मेगाबाइट्स का प्रयोग करते हैं, तो वहीं बड़े गेम फोन के रैम का एक गीगाबाइट तक का हिस्सा कवर कर सकते हैं।

आप चार जीबी रैम वाले डिवाइस में ओएस के साथ सामान्य ऐप्स या गेम चला सकते हैं, पर कुछ समय बाद स्पेस बिल्कुल कवर हो जाएगा। फिर आपको बार-बार पुराने एप्स को हटाना पड़ेगा, वहीं अधिक रैम वाले डवाइस लंबे समय तक बेहतर ढंग से काम करते रहेंगे।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *