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अरविंद चितांबरम ने प्राग मास्टर्स शतरंज टूर्नामेंट का खिताब जीता

प्राग
भारत की शतरंज में बादशाहत जारी रखते हुए ग्रैंडमास्टर अरविंद चितांबरम ने अपने करियर का पहला बड़ा खिताब जीता। उन्होंने प्रतिष्ठित प्राग मास्टर्स शतरंज टूर्नामेंट में कई दिग्गज खिलाड़ियों को पछाड़ते हुए पहला स्थान हासिल किया। तमिलनाडु के 25 वर्षीय अरविंद ने नौवें और अंतिम दौर में तुर्की के गुरेल एदिज के खिलाफ ड्रॉ खेलते हुए कुल छह अंकों के साथ खिताब अपने नाम किया। विश्व नंबर 8 आर प्रज्ञानानंदा इस टूर्नामेंट में पांच अंकों के साथ संयुक्त रूप से दूसरे स्थान पर रहे। उन्हें अंतिम दौर में डच ग्रैंडमास्टर अनीश गिरि के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा। चीन के शीर्ष वरीयता प्राप्त खिलाड़ी वेई यी और गिरि भी प्रज्ञानानंदा के साथ पांच अंकों पर रहे।

निर्णायक मुकाबले में दिखाया धैर्य
अंतिम दौर में अरविंद ने काले मोहरों से खेलते हुए कैरो-कान डिफेंस का उपयोग किया। उनके प्रतिद्वंदी गुरेल एदिज ने किंग्स पॉन ओपनिंग का एडवांस वेरिएशन चुना। हालांकि, जल्द ही उन्हें एक मोहरा गंवाना पड़ा और खेल जटिल हो गया। अरविंद ने संयम बनाए रखा और स्थिति को नियंत्रण में रखा। कई चालों की पुनरावृत्ति के बाद दोनों खिलाड़ियों ने ड्रा पर सहमति जताई।

जीत के बाद अरविंद की प्रतिक्रिया
अरविंद चितांबरम ने जीत के बाद अपनी खुशी व्यक्त करते हुए कहा, “मैंने पिछले दो दिनों से अच्छी नींद नहीं ली थी। सातवें दौर तक मैं पूरी तरह ठीक था, लेकिन बढ़त मिलने के बाद दबाव महसूस हुआ।” उन्होंने अपने कोच ग्रैंडमास्टर आर बी रमेश को धन्यवाद दिया और इस टूर्नामेंट में अनीश गिरि के खिलाफ अपने प्रदर्शन को सर्वश्रेष्ठ करार दिया।

प्रज्ञानानंदा के लिए कठिन मुकाबला
दूसरी ओर, प्रज्ञानानंदा ने अनीश गिरि के खिलाफ आक्रामक शुरुआत की, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। उन्होंने किंग्स इंडियन डिफेंस अपनाया, लेकिन गिरि ने शानदार रणनीति के साथ एक महत्वपूर्ण मौके पर रुक के बदले लघु मोहरा लेकर खेल को अपने पक्ष में मोड़ लिया और जीत दर्ज की।

अन्य खिलाड़ियों का प्रदर्शन
अंतिम दौर के अन्य मुकाबलों में चेक गणराज्य के डेविड नवारा और अमेरिका के सैम शैंकलैंड के बीच बाजी ड्रॉ रही। वहीं, जर्मनी के विंसेंट केमर के खिलाफ चेक खिलाड़ी गुयेन थाई दाई वान जीत के करीब पहुंचकर भी मुकाबला ड्रॉ खेलने को मजबूर हुए।महिला चैलेंजर्स वर्ग में भारत की दिव्या देशमुख ने ग्रीस के स्टामाटिस कौर्कुलोस-अर्डितिस को हराकर जोरदार वापसी की। इस वर्ग में उज्बेकिस्तान के नोदिरबेक याकुब्बोएव और डेनमार्क के जोनास बुहक ब्जेरे सात अंकों के साथ संयुक्त विजेता बने।

 

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