नई दिल्ली
किस्मत भी बहादुरों का साथ देती है…ये पंक्ति सनराइजर्स हैदराबाद के सलामी बल्लेबाज अभिषेक शर्मा पर बिल्कुल फिट बैठती है। शनिवरा, 12 अप्रैल की रात बाएं हाथ के इस सलामी बल्लेबाज ने 246 रनों के टारगेट का पीछा करते हुए 141 रनों की ताबड़तोड़ पारी खेली। अभिषेक ने अपनी इस पारी के दौरान 55 गेंदों का सामना किया जिसमें 14 चौके और 10 गगनचुंबी छक्के लगाए। पारी का अंत होने पर उनका स्ट्राइक रेट 256.36 का था। हालांकि इस पारी के दौरान अभिषेक को कई जीवनदान मिले, कई कैच उनके वहां गिरे जहां कोई खिलाड़ी नहीं था वहीं एक बार तो वह रन आउट होते-होते भी बचे। मगर एक जीवनदान ऐसा था जो पूरी पंजाब किंग्स पर भारी पड़ गया।
अभिषेक शर्मा को यह जीवनदान सनराइजर्स हैदराबाद की पारी के चौथे ओवर के दौरान मिला जब वह 28 के निजी स्कोर पर बैटिंग कर रहे थे। यह ओवर पंजाब किंग्स के तेज गेंदबाज यश ठाकुर डाल रहे थे। ओवर की पहली तीन गेंदों पर अभिषेक शर्मा ने एक चौके और एक छक्के की मदद से 10 रन बटौर लिए थे। और अधिक रन बटौरने की लालच में अभिषेक ने चौथी गेंद पर भी जोखिम उठाया।
हालांकि इस बार वह यश ठाकुर के जाल में फंस गए। आगे बढ़कर बड़ा शॉट खेलने के प्रयास में अभिषेक गेंद को डीप पॉइंट की दिशा में शशांक सिंह के हाथों में मार बैठे। शशांक के कैच पकड़ने के बाद पूरे स्टेडियम में सन्नाटा पसर गया था और सिर्फ पंजाब किंग्स के खिलाड़ी और उनके फैंस ही जश्न मना रहे थे।
मगर उनका यह जश्न भी ज्यादा देर नहीं चला। पंजाब किंग्स की खुशियों पर पानी तब फिरा जब थर्ड अंपायर का हूटर बचा। यश ठाकुर की कैच टेकिंग डिलिवरी दरअसल, नो बॉल थी। थर्ड अंपायर के इस फैसले के बाद पंजाब किंग्स के खिलाड़ियों के चहरे पर सिर्फ निराशा थी और अभिषेक शर्मा मुस्कान की चमक लिए वापस क्रीज पर लौटे। उन्होंने पंजाब के खिलाड़ियों के जले पर नमक फ्री हिट पर छक्का जड़ छिड़का।
पांचवीं गेंद पर अभिषेक ने एक और बड़ा शॉट खेलने का प्रयास किया जो नो मैन्स लेंड में गिरी। इससे पहले तीसरे ओवर की पहली गेंद पर वह रन आउट होते-होते बचे थे तो 8वें ओवर की पहली गेंद पर युजवेंद्र चहल ने उनका कैच छोड़ा था।