नई दिल्ली
क्या कोई खिलाड़ी अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में बिना कोई वैध गेंद फेंके ही विकेट हासिल कर सकता है? जवाब है- हां, बिल्कुल हो सकता है। हो सकता क्या, हुआ है। ऐसी स्थिति को 0th बॉल विकेट या फिर 0वीं गेंद पर विकेट कहते हैं। गेंदबाजी का ये अनोखा रिकॉर्ड उस खिलाड़ी के नाम है जो दुनिया के शीर्ष बल्लेबाजों में गिना जाता है। जिसके नाम बल्लेबाजी के कई रिकॉर्ड हैं। यह कारनामा विराट कोहली ने किया था। मौका था 2011 का भारत बनाम इंग्लैंड T-20I मैच।
2011 में भारतीय टीम इंग्लैंड दौरे पर गई थी। उस दौरे में दोनों टीमों के बीच 5 वनडे और 4 टेस्ट मैच की सीरीज हुई थी। इसके अलावा दोनों के बीच एक टी-20 इंटरनेशनल भी खेला गया। 0वीं गेंद पर विकेट का वाकया उस दौरे के इसी इकलौते टी-20 मैच में हुआ था।
31 अगस्त 2011 को मैनचेस्टर में खेले गए उस मैच में भारतीय टीम 19.4 ओवर में 165 रन पर ऑल आउट हो गई। भारत के लिए अजिंक्य रहाणे ने सबसे ज्यादा 61 रन बनाए। सुरेश रैना ने 33 और राहुल द्रविड़ ने 31 रन का योगदान दिया। विराट कोहली 5 गेंद में सिर्फ 4 रन ही बना सके। जीत के लिए 166 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए इंग्लैंड की टीम 7 ओवर में 2 विकेट के नुकसान पर 60 रन बना चुकी थी। इयॉन मोर्गन 1 और केविन पीटरसन 33 रन बनाकर खेल रहे थे।
कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने अचानक विराट कोहली को गेंदबाजी पर लगा दिया। कोहली ने अपने करियर में टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच में उससे पहले एक भी गेंद नहीं फेंकी थी। सामने केविन पीटरसन थे। विराट कोहली ने टी-20 करियर की पहली ही गेंद वाइड फेंक दी, लेकिन पिटरसन उसे मारने के चक्कर में अपना विकेट गंवा बैठे। उनका बल्ला गेंद को नहीं छू पाया और विकेट के पीछे खड़े महेंद्र सिंह धोनी ने चीते जैसी रफ्तार से स्टंपिंग कर दी। इस तरह विराट कोहली के नाम टी-20 में बिना कोई वैध गेंद फेंके ही विकेट हासिल करने का अनोखा रिकॉर्ड दर्ज हुआ। पहली बार ऐसा हुआ था।
उस मैच में विराट कोहली ने 3 ओवर फेंके थे और 22 रन देकर 1 विकेट हासिल किया था। कप्तान धोनी ने उस मैच में रोहित शर्मा से भी 1 ओवर कराया था जिसमें उन्होंने 16 रन दिए थे। उस मैच को इंग्लैंड ने 6 विकेट से जीत लिया था। इतना ही नहीं, अंग्रेजों ने वनडे और टेस्ट सीरीज भी अपने नाम की। भारत उस पूरे दौरे में एक अदद जीत के लिए तरसता रहा।