कानपुर डेस्क/ कानपुर पुलिस ने कहा है कि शुक्रवार को कानपुर में भड़की हिंसा में चरमपंथी मुस्लिम संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की संलिप्तता नजर आ रही है। पीएफआई ने उसी दिन मणिपुर और पश्चिम बंगाल में बंद का आह्वान किया था। उनके बीच कनेक्शन की जांच की जा रही है।
कानपुर के पुलिस आयुक्त वी.एस. मीणा ने रविवार को एक बयान में कहा, “सर्च अभियान के दौरान पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से संबंधित दस्तावेज मिले हैं। मामले के मुख्य आरोपी जफर हयात हाशमी के परिसरों की तलाशी के दौरान सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) और कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई) से संबंधित दस्तावेज भी मिले।”
आयुक्त ने आगे कहा, “अब तक की सभी गिरफ्तारियां दंगों के फोटो और वीडियो साक्ष्य के आधार पर हैं। यदि पुलिस अधिकारियों की ओर से कोई ढिलाई बरती जाती है, तो उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी।” शहर के परेड चौक इलाके में शुक्रवार 3 जून को भड़की हिंसा में शामिल कुल 29 लोगों को कानपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
स्थानीय मुस्लिम नेता हयात जफर हाशमी को पुलिस ने हिंसा के मुख्य साजिशकर्ता के रूप में पहचाना। पुलिस ने कहा कि हयात जफर हाशमी, (जो मौलाना मुहम्मद जौहर अली फैन्स एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी है) ने एक टीवी समाचार में डिबेट के दौरान भाजपा प्रवक्ता नुपुर शर्मा द्वारा की गई टिप्पणी के विरोध में बाजार बंद का आह्वान किया था।
हाशमी ने कथित तौर पर लोगों को उकसाया, जिससे पथराव और दो समूहों के बीच झड़प हो गई। इसमें कई पुलिसकर्मियों समेत 39 से अधिक लोग घायल हो गए। उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। दंगा और हिंसा के लिए 1,000 से अधिक अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ तीन प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। प्राथमिकी में नामित अन्य आरोपियों में एहितशाम कबड्डी, जीशान, आकिब, निजाम, अजीजुर, आमिर जावेद, इमरान काले और यूसुफ मंसूरी शामिल हैं।
आरोपियों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज कर उनकी संपत्ति जब्त कर ली जाएगी। पुलिस ने बताया कि आरोपियों के पास से बरामद 6 मोबाइलों की जांच की जा रही है। आरोपियों के सोशल मीडिया अकाउंट भी खंगाले जा रहे हैं।