चंडीगढ़
इन गर्मियों में उन डेढ़ लाख से अधिक आवेदकों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ेगा जो बिजली के कनैक्शन मिलने का इंतजार कर रहे हैं। हरियाणा में बिजली वितरण निगमों के पास 1,54,708 आवेदन ऐसे हैं जिन्हें कनैक्शन जारी नहीं किए गए। इसकी जानकारी खुद दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (डी.एच.बी.वी.एन.) और उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम (यू.एच.बी.वी.एन.) की ओर से दी गई है। डी.एच.बी.वी.एन. की ओर से बताया गया कि उनके पास 96755 आवेदन लंबित पड़े हैं। इनमें सबसे अधिक संख्या कृषि पंप के आवेदनों की है। इस वर्ग में 95714 आवेदकों को कनैक्शन जारी नहीं किए गए।
वहीं दूसरी ओर यू.एच. बी.वी.एन. के क्षेत्र में 57953 आवेदक बिजली के कनैक्शन के इंतजार में हैं। यू.एच.बी. वी.एन. में भी 46591 किसानों को कनैक्शन जारी नहीं हुए। खास बात यह है कि यू.एच.बी.वी.एन. ने 7977 घरेलू वर्ग के कनैक्शन भी जारी नहीं किए। हरियाणा इलैक्ट्रिसिटी रैगुलेटरी कमीशन (एच.ई.आर.सी.) ने इस मामले को गंभीरता से लिया है कि नए कनैक्शन और लोड बढ़ाने के लिए आवेदन लंबित हैं। जिससे कुल लोड में भारी वृद्धि हो रही है। लंबित कनैक्शनों को समय पर जारी करने से उपभोक्ताओं की संतुष्टि के साथ-साथ डिस्कॉम के लिए बिजली की बिक्री से राजस्व में वृद्धि होगी। डिस्कॉम को निर्देश दिया जाता है कि वे विभिन्न कानूनों/नियमों में निर्दिष्ट समयसीमा के भीतर सभी लंबित कनैक्शन जारी करने के लिए हरसंभव प्रयास करें।
10 जिलों में 30 महीनों में लगाए जाएंगे स्मार्ट मीटर
प्रदेश में बिजली के स्मार्ट मीटर लगाने का काम अभी भी सुस्त रफ्तार से चल रहा है। आलम यह है कि अभी भी प्रदेश के 10 जिले ऐसे हैं जिन्हें पूरी तरह स्मार्ट मीटर प्रोजैक्ट के अंतर्गत नहीं लाया जा सका है। इनमें गुरुग्राम, पलवल, फरीदाबाद, नारनौल, रेवाड़ी, हिसार, भिवानी, सिरसा, फतेहबाद और जींद शामिल हैं। निगमों को प्रदेश में स्मार्ट मीटर लगाने का काम दो चरण में पूरा करना था। पहला चरण दिसम्बर-2025 में खत्म होगा जबकि दूसरा चरण दिसम्बर-2026 में खत्म होगा। हालांकि अभी भी डी.एच.बी.वी.एन. ने इन जिलों में स्मार्ट मीटर लगाने के लिए 30 महीने का समय मांगा है। प्रदेश में 58476 कनैक्शन ऐसे हैं जहां मीटर खराब हैं। वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान यू.एच.बी.वी.एन. द्वारा 72683 और डी. एच.बी.वी.एन.एल. द्वारा 89889 खराब मीटर बदले गए।