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हरियाणा में 14 छात्र फिर आएंगे पुलिस की रडार पर, इन छात्रों पर जांच में सहयोग न करने और तथ्य छिपाने का आरोप

चंडीगढ़
हरियाणा में एमबीबीएस एग्जाम घोटाले में शामिल 14 छात्रों से पुलिस दोबारा से जांच करेंगी। इन छात्रों पर जांच में सहयोग न करने और तथ्य छिपाने का आरोप है। निजी मेडिकल कॉलेज में पंजीकृत इन छात्रों से पिछले महीने पूछताछ की गई थी, लेकिन कथित तौर पर उन्होंने अहम जानकारियां छिपाई और जांच टीम को गुमराह करने की कोशिश की। जांच का नेतृत्व कर रहे अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की है।

मामले की जांच कर रहे एक अधिकारी ने बताया कि जनवरी में एक एमबीबीएस छात्र ने विश्वविद्यालय अधिकारियों को शिकायत के तौर पर एक वीडियो भी सौंपा था, जिसमें कुछ लोग एक निजी कमरे में कुर्सियों और बिस्तरों पर बैठकर उत्तर पुस्तिकाएं भरते हुए दिख रहे थे। इस एग्जाम घोटाले में कथित तौर पर 2020, 2021 और 2022 एमबीबीएस बैच के छात्र आरोपों का सामना कर रहे हैं, क्योंकि जनवरी में यूएचएसआर द्वारा गठित एक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने आंसर शीट के साथ छेड़छाड़ के मामलों को चिह्नित किया था। सूत्रों के अनुसार, कई उत्तर पुस्तिकाओं को कथित तौर पर विश्वविद्यालय के एक कर्मचारी के आवास पर फिर से लिखा गया और उत्तीर्ण अंक हासिल करने के लिए फिर से जमा किया गया।

 अब तक चार छात्रों ने अपने बयान दर्ज करवाए हैं, जबकि छह अन्य से पूछताछ होनी बाकी है। पुलिस का कहना है कि अप्रैल में जब कॉलेज में उनसे पूछताछ की गई तो 14 छात्रों ने सहयोग नहीं किया है। मामले को मजबूत करने के लिए 200 से अधिक उत्तर पुस्तिकाएं सुनारिया स्थित क्षेत्रीय फोरेंसिक विज्ञान लैब में भेजी गई हैं। इसके अलावा, यूएचएसआर ने पुस्तिकाओं की प्रामाणिकता की जांच के लिए हस्तलेखन विशेषज्ञों को भी लगाया है। सूत्रों ने बताया कि हाल ही में 30 छात्रों के नमूने एकत्र किए गए और हस्तलेखन विश्लेषण रिपोर्ट दो सप्ताह के भीतर आने की उम्मीद है। रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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