भोपाल
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से सटा रायसेन जिला अब देश भर में अपनी अलग पहचान बनाने जा रहा है. रायसेन का उमरिया गांव मेट्रो और रेल निर्माण का नया हब बनने जा रहा है. बेंगलुरु में डॉ. मोहन यादव ने उमरिया में भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड कंपनी के नई इकाई के लिए 60.63 हेक्टेयर भूमि आवंटन की मंजूरी दे दी है. मुख्यमंत्री ने कंपनी के चेयरमैन शांतनु रॉय को भूमि आवंटन पत्र सौंपा. अब कंपनी मध्य प्रदेश में रोलिंग स्टॉफ और मेट्रो कोच का निर्माण करेगी. भोपाल के बाद रायसेन दूसरा जिला होगा, जहां मेट्रो के कोच बनाए जाएंगे.
मुख्यमंत्री ने इंटरेक्टिव सेशन के बाद कहा कि निवेशकों को मध्यप्रदेश में आमंत्रित करने आया था। मैंने निवेशकों से चर्चा की है। उसमें सन फॉर्मा से 3 हजार करोड़, एचईएसएस से 2 हजार करोड़, बीईएमएल 1800 करोड़, अरविंद मील 600 करोड़, अभिनाथ समूह लॉजिस्टिक 100 करोड़, नाइज गारमेंट का 385 करोड़, एचटीसीएल टेक्नोलॉजी का 50 करोड़ का निवेश मिला है।
सब मिलाकर 8 हजार करोड़ का निवेश है। जिससे कुल 19 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। मैंने सभी निवेशकों से कहा है कि आइए मध्यप्रदेश से भी जुड़िए। यहां उद्योग व्यापार की बड़ी संभावनाएं हैं।
बीईएमएल को 60.063 हेक्टेयर भूमि आवंटन इससे पहले मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बेंगलुरु में बीईएमएल को रायसेन जिले में रेलवे कोच के लिए भूमि आवंटन पत्र सौंपा। इस दौरान उन्होंने कहा कि रायसेन में बीईएमएल की यूनिट खुलने से देश-प्रदेश का औद्योगिक इको सिस्टम सशक्त बनेगा। साथ ही युवाओं, एमएसएमई और स्थानीय समुदायों के लिए रोजगार और अवसर मिलेंगे।
रायसेन में मेट्रो और रेल कोच निर्माण इकाई की स्थापना प्रदेश के विकास की दिशा में एक सशक्त कदम है। राज्य सरकार ने इस इकाई के लिए कुल 60.063 हेक्टेयर भूमि आवंटन को मंजूरी दी है। प्रस्तावित इकाई मुख्य रेल एवं नगरीय परिवहन परियोजनाओं के लिए रोलिंग स्टॉक और मेट्रो कोच का निर्माण करेगी। इससे प्रदेश और देश के अन्य भागों में रेलवे इन्फ्रास्ट्रक्चर सशक्त होगा। यहां 1800 करोड़ से रेलवे कोच यूनिट लगाई जाएगी।
विश्वास पर खरी उतरेगी बीईएमएल मुख्यमंत्री का आभार मानते हुए बीईएमएल के चेयरमैन और एमडी शांतनु रॉय ने कहा कि बीईएमएल उनके विश्वास पर खरी उतरेगी। रायसेन में हमारी इकाई का विस्तार भारत के नगरीय रेल इन्फ्रास्ट्रक्चर को और गतिशीलता एवं सशक्त बनाएगा।
उन्होंने बताया कि बीईएमएल का 2100वां मेट्रो कोच मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण के लिए दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के माध्यम से निर्मित किया गया है। इसमें ग्रेड ऑफ ऑटोमेशन मानकों के अनुसार ड्राइवर लेस संचालन की सुविधा उपलब्ध है। इस कोच में अन अटेंडेड ट्रेन ऑपरेशन (यूटीओ) स्मार्ट सुरक्षा प्रणाली और वैश्विक मानकों के अनुरूप अनेक आधुनिक सुविधाएं शामिल की गई हैं।
इसलिए खास हैं ऐसे कोच नए रेलवे कोच की विशेषता ऑन बोर्ड कंडीशन मॉनिटरिंग सिस्टम है, जो भारत में पहली बार किसी मेट्रो ट्रेन में शामिल किया है। इस प्रणाली में पांच प्रमुख मॉड्यूल- रेल ट्रैक स्थिति की निगरानी, ओवरहेड इक्विपमेंट (ओएचई) की स्थिति, पैंटोग्राफ-ओएचई संपर्क, आर्क डिटेक्शन और रेल प्रोफाइल विश्लेषण शामिल हैं।
रायसेन के गोहरगंज में प्लांट
मुख्यमंत्री की उपस्थिति में राज्य के अधिकारी BEML को आधिकारिक आवंटन पत्र सौंपे। BEML ने गोहरगंज, रायसेन जिले में हाई-स्पीड रेल और मेट्रो कोच उत्पादन के लिए एक कारखाना स्थापित करने की प्रतिबद्धता जताई है।
दरअसल, बेंगलुरु स्थित BEML विभिन्न प्रकार के भारी उपकरण जैसे अर्थमूविंग, परिवहन, रेलवे और खनन उपकरण बनाती है। BEML एशिया में अर्थ मूविंग उपकरणों का दूसरा सबसे बड़ा निर्माता है।
एमपी में वंदे भारत के भी कोच बनेंगे
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि वे अब मध्य प्रदेश में वंदे भारत कोच भी बनाएंगे, जैसे कि वे बेंगलुरु में 1,800 करोड़ रुपए के निवेश से बनाते हैं। BEML का यह कदम 'मेक इन इंडिया' अभियान को और मजबूत करेगा। इससे देश में ही आधुनिक परिवहन समाधानों का निर्माण होगा। साथ ही, यह क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी पैदा करेगा। इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।
वहीं, मुख्यमंत्री ने बेंगलुरु में निवेशकों के साथ बातचीत की। उन्होंने मध्य प्रदेश में निवेश करने के फायदों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में उद्योगों के लिए बहुत अच्छा माहौल है।
इन प्रणालियों की मदद से डिपो कंट्रोल सेंटर से ही रियल-टाइम प्रिडिक्टिव मेंटिनेंस और रिमोट डाइग्नोसिस संभव होगा। इस मेट्रो कोच में यात्रियों की सुविधा के लिए एर्गोनॉमिक इंटीरियर, डायनामिक रूट मैप्स, सीसीटीवी, डिजिटल फायर डिटेक्शन, एडवांस्ड एयरकंडिशनिंग सिस्टम और साइकिल स्टैंड जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध हैं।
2100 वें कोच को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना बेंगलुरु में सीएम मोहन ने बीईएमएल के संस्थान में पहुंचने के बाद सबसे पहले 2100वें कोच को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यहां उन्होंने कोच के भीतर पहुंचकर स्थानीय कर्मचारियों का अभिवादन किया। इसके बाद बीईएमएल के सीएमडी शांतनु रॉय और अफसरों के साथ वहां की यूनिट का निरीक्षण भी किया।
एक बार जो आता है वह एमपी का हो जाता है रेलवे कोच के लिए भूमि आवंटन पत्र सौंपने बाद बेंगलुरु में इंटरेक्टिव सेशन हुआ। इस दौरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि एमपी की जो औद्योगिक पॉलिसी बनी हुई है उसमें सुविधा देने का काम तेजी से हो रहा है। कलेक्टर जिलों में इसके लिए काम कर रहे हैं। निवेशक जो सुविधा चाहते हैं, वह बताएंगे तो हम उसमें बदलाव करते रहेंगे।
उन्होंने कहा कि निवेशकों का जो भी बकाया पुरानी सरकार के कार्यकाल में था, वह हमारी सरकार ने चुकाया है और इस तरह 5260 करोड़ रुपए इंसेंटिव के रूप में दिए गए हैं। सभी निवेशकों को साफ सुथरी वचन बद्धता के साथ मौका मिलना चाहिए। यह हमारी सरकार की कोशिश है। एक बार जो एमपी आता है वह मध्यप्रदेश का हो जाता है। इसके लिए आप सबको निमंत्रण दे रहा है।
पीएस ने दिए निवेशकों के सवालों के जवाब औद्योगिक नीति और निवेश प्रोत्साहन विभाग के प्रमुख सचिव राघवेंद्र सिंह ने निवेशकों द्वारा किए गए सवालों के जवाब दिए। उन्होंने प्रदेश की औद्योगिक नीति के बारे में जानकारी दी और सरकार द्वारा निवेश के लिए जो छूट दी जा रही है। इसके बारे में बताया गया।
कार्यक्रम में प्रमुख सचिव शिवशेखर शुक्ला, राघवेंद्र सिंह ने प्रजेंटेशन दिया। मुख्यमंत्री के सचिव इलैया राजा टी ने प्रदेश के पर्यटन सर्किट के बारे में जानकारी देकर यहां के औद्योगिक निवेश के माहौल से उद्योगपतियों को अवगत कराया।