बेगूसराय
बेगूसराय रेलवे परिक्षेत्र में अवैध अतिक्रमणकारियों द्वारा शहरवासी को दिनदहाड़े निशाना बनाया जा रहा है। ताजा मामला लोहियानगर थाना क्षेत्र का है, जहां लोहियानगर रेलवे गुमटी से पूर्व झोपड़पट्टी में रह रहे बदमाशों ने एक परिवार से 2 लाख 40 हजार लूट लिये। इस दौरान बदमाशों ने लूट से पहले बच्ची के गले पर चाकू रखकर घटना को अंजाम दिया। हालांकि घटना के 24 घण्टे के भीतर बेगूसराय पुलिस ने बदमाशों की गिरफ्तारी कर मामला का उदभेदन कर दिया। इस मामले ने शहर और रेलवे स्टेशन आने जाने वाले रेलयात्रियों की सुरक्षा पर गम्भीर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया है।
बेटी की गर्दन पर चाकू रखकर लूट लिए 2 लाख 40 हजार रुपए
3 मई को दिन के उजाले में लोहिया नगर में तीन नकाबपोश बदमाशों ने महिला से 2 लाख 40 हजार रुपए लूट लिए। वह बैंक से 4 लाख 40 हजार निकालकर अपने पति और बच्ची के साथ झोपड़पट्टी के रास्ते घर जा रही थी। तभी बदमाशों ने महिला की बच्ची की गर्दन पर चाकू रख जान से मारने की धमकी दी। लोहियानगर निवासी रिद्धि कुमारी अपने पति और बच्ची के साथ एसबीआई शाखा से 4 लाख 40 हजार रुपए निकालकर घर लौट रही थी। लोहिया नगर गुमटी से रेलवे लाइन की ओर बढ़ते समय तीन बदमाशों ने घेर लिया। पर्स में रखे 2 लाख 40 हजार लूट लिए। रिद्धि के पति के जेब में रखे 2 लाख रुपए बच गए। घटना की जानकारी मिलते ही लोहिया नगर थाना पुलिस हरकत में आई। 4 मई को पुलिस ने झोपड़पट्टी में छापेमारी की। जिसमें दो बदमाशों की गिरफ्तारी और साढ़े 9 हजार नगद एवं घटना में प्रत्युक्त चाकू बरामद किया गया।
आरपीएफ ने चलाया था अप्रैल महीने में जागरुकता अभियान
दरअसल बेगूसराय रेलवे परिक्षेत्र में काफी सालों से अवैध अतिक्रमणकारी लोग बसे हुए हैं। यहां पर लगातार जिला पुलिस और रेल पुलिस की छापेमारी भी होती है। कार्रवाई भी होती है, पर हालात जस के तस बने रहते हैं। हाल ही में बेगूसराय आरपीएफ पोस्ट के नवपदस्थापित इंस्पेक्टर अरविंद कुमार सिंह ने यहां अप्रैल महीने में जागरूकता अभियान चलाया था। उन्होंने उस दौरान झोपड़पट्टी में रह रहे नागरिकों से अपील किया था कि अपराध न करें और इसे बढ़ावा ना दें। करीब 15 दिनों के बाद एक बार फिर घटी घटना ने झोपड़पट्टी को लेकर शहर में गंभीर सवाल पैदा कर दिए हैं।
अतिक्रमण खाली करवाने आए अधिकारी हुए थे बेरन वापस
कुछ महीने पहले रेलवे परिक्षेत्र में जमे लोहियानगर झोपड़पट्टी के अवैध अतिक्रमणकारियों को खाली करवाने के लिए रेलवे विभाग के अधिकारी दल बल के साथ पहुंचे थे। इस दौरान स्थानीय बसे हुए लोगों द्वारा विरोध का उन्हें सामना करना पड़ा था। जिसके बाद तत्काल अतिक्रमण खाली करवाने की कार्रवाई को रोक दिया गया था। जो आज तक रुका हुआ है।