हसनैन के कांधो पे है हैदर का जनाज़ा अकीदत और एहतेराम के साथ निकला 21वीं रमजान का जुलूस |
TIL Desk लखनऊ :1 अप्रैल 21वीं रमजान को शहादत-ए-मौला अली (अ.स.) के अवसर पर आज सुबह की नमाज़ के बाद रूस्तमनगर स्थित रौज़-ए-शबीह-ए-नजफ से ताबूत हजरत अली (अ.स.) (हसन मिर्ज़ा का ताबूत) या अली मौला… हैदर मौला….की फलक शीगाफ़ सदाओं और हजारों की संख्या में मौजूद अकीदतमंदों की अश्कबार आँखों के बीच अपने रिवायती अंदाज़ में निकला इस मौके पर हजारों की संख्या में उपस्थित अकीदतमंदों ने ताबूत की जियारत कर जुलूस में शामिल होकर खिराजे अकीदत पेश किया जुलूस से पहले मजलिस हुई जिसको मौलाना यासूब अब्बास ने सम्बोधित करते हुए शहादत इमाम हजरत अली अ.स. का जिक्र किया तो मौजूद इमाम के चाहने वाले जरोकातार रोने लगे इसी गमगीन माहौल में जब ताबूत हजरत अली अ.स. निकाला गया तो इमाम के चाहने वालों ने ताबूत का बोसा लिया और यह सिलसिला तालकटोरा कर्बला पर जाकर समाप्त हुआ |
जुलूस अपने पुराने रास्ते कर्बला दियानातुद्दौला, रौज-ए-काजमैन, गिरधारी सिंह इंटर कालेज, टूरियागंज तिराहा, हैदरगंज, एवरेडी चौराहा होते हुए कर्बला तालकटोरा पर जाकर दफ्न किया गया |