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भूतपूर्व विधायक और विधान परिषद् सदस्यों की बड़ी बैठक हुई, 7 प्रस्तावों पर बनी सहमति

भूतपूर्व विधायक और विधान परिषद् सदस्यों की बड़ी बैठक हुई, 7 प्रस्तावों पर बनी सहमति

TIL Desk लखनऊ:👉शनिवार को लखनऊ प्रेस क्लब में भूतपूर्व विधायक और विधान परिषद सदस्यों की बड़ी बैठक हुई बैठक में सभी दलों के तमाम जिलों से पूर्व विधायक पूर्व विधान परिषद सदस्य रहे मौजूद ,पूर्व विधायकों विधान परिषद सदस्यों की बैठक हुई जिसमें सर्व सम्मति से कई प्रस्ताव पारित किये गये।

पूर्व MLC सिराज मेंहदी का बयान………………………………………………………..

पूर्व विधायकों के साथ में एक गाइड लाइन जारी हुई थी की पूर्व विधायकों की कोई सुनता नहीं मुझसे बोला गया आप लोग एक संगठन बनाकर प्रस्ताव दीजिए उसी हिसाब से यूपी सीएम ,विधानसभा स्पीकर से टाइम लेकर मुलाकात करेंगे। हम सब मिलकर इस लड़ाई को लड़ेंगे की वर्तमान विधायकों को आज जो मिल रहा है उतना न मिले तो उसका आधा मिले।

अगली मीटिंग दो महीने बाद होगी।हम लोगों ने सभी पूर्व विधायकों को बुलाया था बड़ी संख्या में आये जो नहीं आ पाए उनका भी समर्थन मिला है। वर्तमान विधायकों की जितनी महत्व हो उतना ही पूर्व विधायकों का भी लोग आज भी आते है हम लोगो के पास अपनी समस्या लेकर आज जो वर्तमान विधायक है वह भी पूर्व होंगे।महंगाई की मार देखते हुए पूर्व विधायक आर्थिक संकट झेल रहे हैं।

देश के अन्य राज्यों बिहार, हरियाणा, दिल्ली जैसे प्रांत पर्याप्त पेंशन दे रहे हैं।उ०प्र० में पेंशन राशि अन्य प्रदेशों की तुलना में काफी कम है हम मांग करते हैं कि पूर्व विधायकों की पेंशन में वृद्धि की जाये। यात्रा भत्ता के तौर पर प्रतिवर्ष सवा चार लाख रूपया अनुमन्य है। वर्तमान विधायकों का टोल टैक्स माफ है पूर्व विधायकों को भी टोल टैक्स माफी की सुविधा दी जाये।

शासन में अधिकारियों द्वारा पूर्व विधायकों के पत्रों का कोई संज्ञान नहीं लिया जाता एक सेल का निर्माण होना चाहिए जिससे पत्रों का संज्ञान लिया जाये।राष्ट्रीय पर्व पर आयोजित कार्यक्रमों में बुलाया जाता था फिर से यह परम्परा पुनः आरम्भ होनी चाहिए।बस में यात्रा करने पर पूर्व विधायकों की सीट आरक्षित होनी चाहिए।पूर्व विधायकों से मुलाकात एवं उनकी बात सुनने के लिए पूर्व की भांति सप्ताह में एक दिन का समय सुनिश्चित किया जाये।

बाइट–सिराज मेंहदी (पूर्व MLC )

वही सत्यदेव त्रिपाठी पूर्व मंत्री ने कहा की लोकतंत्र में जहां वर्तमान सम्मान का सम्मान है उतना ही भूतपूर्व का सम्मान भी उतना होता है जितनी जिम्मेदारी वर्तमान की बनती है उतनी जिम्मेदारी पूर्व की भी होती है।

बाइट–सत्यदेव त्रिपाठी (पूर्व मंत्री)

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