भोपाल
किसान सम्मान निधि पाने वाले किसानों की मुश्किलें बढ़ने वाली है। सरकार ने करीब 7000 किसानों को सम्मान निधि की राशि नहीं देने का फैसला किया है। ये वे किसान हैं, जिन्होंने मनाही के बावजूद नरवाई जलाई है। किसान प्रदेश के अलग-अलग जिलों से हैं। सरकार ने पहले ही कहा था कि नरवाई जलाने वाले किसानों को सम्मान निधि और फसल पर मिलने वाला समर्थन मूल्य नहीं मिलेगा।
किसानों से वसूला गया है जुर्माना
नरवाई जलाने वाले करीब 604 किसानों पर एफआईआर दर्ज हो चुकी है। साथ ही अलग-अलग जगहों पर लाखों रुपए किसानों से जुर्माना भी वसूले गए हैं। रायसेन में सबसे अधिक किसानों से जुर्माना वसूला गया है।
इन जिलों में अधिक एफआईआर
दरअसल, सरकार ने नरवाई जलाने पर प्रतिबंध को लेकर पहले ही अधिसूचित कर दिया था। इसके बावजूद किसान नहीं माने हैं। नर्मदापुरम जिले में नरवाई जलाने के 5774 मामले सामने आए हैं। मगर सिर्फ आठ किसानों पर एफआईआर दर्ज हुई है। वहीं, विदिशा में 1040, इंदौर में 837, गुना में 725, रायसेन में 620, सिवनी में 395, खंडवा में 281, उज्जैन में 211, छिंदवाड़ा में 210 और सतना में 208 किसान सूचीबद्ध हैं। कुल 52 जिलों की सूची में 23 जिलों के कोई किसान शामिल नहीं हैं।
पहले जुर्माना और अब नहीं मिलेगा समर्थन मूल्य
पराली जलाने से पर्यावरण को होने वाले नुकसान को देखते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल(NGT) देश भर में पराली जलाने पर रोक लगा चुकी है. उधर बार-बार समझाइश के बाद भी मध्य प्रदेश में किसानों द्वारा पराली जलाई जा रही है. इस बार गेहूं की फसल के बाद मध्य प्रदेश में पराली जलाने के मामले देश में सबसे ज्यादा आए हैं. प्रदेश में नरवाई जलाने के सबसे ज्यादा 5774 मामले नर्मदापुरम जिले में आए हैं.
7000 किसानों से वसूली
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक राजस्व विभाग ने प्रदेश भर में 7000 किसानों पर 2.28 करोड़ करोड़ रुपए वसूले है। ऐसे किसानों की पूरी सूची बन गई है। सरकार किसानों को नरवाई नष्ट करने की मशीन खरीदने के लिए सब्सिडी भी देती है। इसके बावजूद किसानों ने नरवाई जलाई है।
केंद्र से लेनी होगी सहमति
गौरतलब है कि एमपी किसानों को सम्मान निधि के तहत 12000 रुपए की राशि दी जाती है। केंद्र की तरफ से छह हजार की राशि मिलती है। साथ ही राज्य सरकार अपनी तरफ से 6000 रुपए देती है। 7000 किसानों की सम्मान निधि बंद करने के लिए राज्य को केंद्र से अनुमति लेनी होगी। इसके बाद ही कोई फैसला होगा।
इन जिलों में वसूला गया सबसे ज्यादा जुर्माना
रायसेन जिले में किसानों से 21 लाख 71 हजार रुपए का जुर्माना वसूला गया.
सिवनी जिले में किसानों पर 20 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया.
इंदौर के किसानों से 18 लाख रुपए का जुर्माना वसूला गया.
शाजापुर और विदिशा जिले के किसानों से 16 लाख का जुर्माना वसूला गया.
खंडवा जिले के किसानों पर 12 लाख 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया.
7 हजार किसानों पर हुई जुर्माने की कार्रवाई
कृषि अभियांत्रिकी संचालनालय के अधिकारियों के मुताबिक प्रदेश में करीबन 7 हजार किसानों पर जुर्माने की कार्रवाई की जा रही है. इन किसानों पर करीबन 2 करोड़ 28 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. इसमें से 2 करोड़ से ज्यादा जुर्माना वसूला भी जा चुका है. उधर किसानों की सम्मान निधि का लाभ भी रोके जाने की तैयारी की जा रही है. साथ ही इन किसानों को समर्थन मूल्य का लाभ भी नहीं मिलेगा.
कृषि विभाग के अपर मुख्य सचिव अशोक वर्णवाल के मुताबिक "ये सभी कार्रवाई जिला स्तर पर चल रही है. प्रदेश के किसानों को सम्मान निधि के रूप में 12 हजार रुपए की राशि मिलती है, इसमें से 6 हजार रुपये केन्द्र सरकार और 6 हजार रुपये राज्य सरकार द्वारा दी जाती है. राज्य सरकार अपने हिस्से की राशि को रोक सकती है."
मुख्यमंत्री कैबिनेट में हुआ था फैसला
नरवाई जलाने का फैसला राज्य सरकार पहले ही ले चुकी है. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की कैबिनेट में इसका निर्णय लिया गया था. इसकी जानकारी देते हुए मंत्री डॉ. कैलाश विजयवर्गीय ने कहा था कि छोटे लालच के लिए किसान बड़ा नुकसान न करें. पर्यावरण को अच्छा रखने के लिए कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया है. ऐसे किसानों को एक साल तक किसान सम्मान निधि का लाभ नहीं मिलेगा.