लुधियाना
सिविल लाइंस रोड पर जहां से सिविल सर्जन कार्यालय महज कुछ कदमों की दूरी पर स्थित है, वहां एक प्रसिद्ध बेकरी खुलेआम खाद्य सुरक्षा मानकों की धज्जियां उड़ा रही है। यह बेकरी संचालक बिना मैन्युफैक्चरिंग डेट और एक्सपायरी डेट के पैक्ड बेकरी उत्पाद बेच रहा है। जैसे ही यह खबर लुधियाना में फैली तो लोग सहम गए कहीं उनका स्वास्थय ना संकट में पड़ जाए।
ग्राहकों के पास यह पहचानने का कोई साधन नहीं बचा है कि जो वस्तु वे खरीद रहे हैं, वह ताजा है या खराब क्योंकि पैक्ड सामान जो उक्त बेकरी शॉप द्वारा बेचा जा रहा है, उस पर न तो मैन्युफैक्चरिंग की डेट है न एक्सपायरी डेट, उन्हें सिर्फ उत्पाद की शक्ल और गंध से अंदाजा लगाना पड़ता है कि वह खाने योग्य है या नहीं। खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम-2006 के अंतर्गत, भारत में बिकने वाले हर पैक्ड खाद्य उत्पाद पर कुछ अनिवार्य जानकारियां अंकित करना कानूनन जरूरी है। इनमें उत्पाद के वैज या नॉन-वैज होने का चिन्ह, बैच या प्लॉट नंबर, उत्पादन की तिथि, उपभोग की अंतिम तिथि, निर्माण स्थल का पता और सामग्री की सूची शामिल हैं।
बेकरी के खिलाफ शिकायत मिली तो टीम ने स्वयं जाकर जांच की। मौके पर देखा गया कि बेकरी के अधिकतर पैक्ड उत्पादों पर न तो उत्पादन तिथि अंकित थी, न ही एक्सपायरी डेट और न ही बैच नंबर, कुछ पैक्ड उत्पादों पर तो एफ.एस.ए.ए.ई. नंबर तक अंकित नहीं है । सामान्य जानकारी के अनुसार, बेकरी उत्पाद जैसे ब्रेड, बन, केक और पेस्ट्रीज 2-3 दिन में खराब हो जाते हैं लेकिन जब इन पर कोई तिथि दर्ज न हो, तो ग्राहक के लिए यह पहचानना असंभव हो जाता है कि वस्तु खाने योग्य है या नहीं। कई बार ग्राहक अनजाने में बासी या खराब माल खरीद लेते हैं जिससे उनका स्वास्थ्य संकट में पड़ जाता है, जिससे लोग सहम गए है।
इस सम्बद्ध में जब हमने उक्त बेकरी संचालक का पक्ष जानना चाहा तो उनसे बात नहीं हुई। उनका मोबाइल बेकरी के किसी कर्मचारी ने उठाया। जब उससे इस संबध में पूछा तो कर्मचारी ने कहा कि मालिक जब आएंगे, तब उनको कह दूंगा और कह कर फ़ोन काट दिया । इस गंभीर मामले में जब जिला स्वास्थ्य अधिकारी (डी.एच.ओ.) अमरजीत कौर से बात की तो उन्होंने कहा कि टीम को भेजकर उक्त बेकरी की जांच की जाएगी, जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।