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एडवोकेट जनरल गुरमिंदर गैरी का इस्तीफा, 18 महीने में ही छोड़ा पद

अमृतसर
पंजाब के एडवोकेट जनरल गुरमिंदर गैरी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया और मुख्यमंत्री भगवंत मान को अपना रेजिग्नेशन सौंपा है. 18 महीने में ही गुरमिंदर गैरी ने पद छोड़ने का फैसला कर लिया.

आम आदमी पार्टी के तीन साल के कार्यकाल में गुरमिंदर सिंह चौथे एडवोकेट जनरल हैं, जिन्होंने इस्तीफा दिया है. गुरमिंदर सिंह से पहले विनोद घई पंजाब के एजी थे, जिन्होंने 'व्यक्तिगत कारणों' का हवाला देते हुए रिजाइन किया था. इसके बाद 6 अक्टूबर 2023 को गुरमिंदर सिंह पंजाब के एडवोकेट जनरल बने.

इस्तीफे में गुरमिंदर गैरी ने क्या लिखा?
सीएम भगवंत मान को संबोधित करते हुए गुरमिंदर गैरी ने अपने इस्तीफे में लिखा, "यह मेरा सौभाग्य है कि आपके नेतृत्व में मुझे 18 महीने तक पंजाब के एडवोकेट जनरल पद की जिम्मेदारी सौंपी गई. अब मैं अपनी प्राइवेट प्रैक्टिस पर ध्यान देना चाहता हूं, इसलिए एजी पद की जिम्मेदारी संभालने में असमर्थ हूं. मैं पंजाब के एडवोकेट जनरल पोस्ट से इस्तीफा दे रहा हूं. मैंने अपना इस्तीफा पंजाब के राज्यपाल को भी मंजूरी के लिए भेज दिया है."

2 दिन में पंजाब को मिलेगा नया एजी
एक वरिष्ठ अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस को जानकारी दी है कि गुरमिंदर गैरी का इस्तीफा मंजूर कर लिया गया है. 2 से 3 दिन के अंदर पंजाब का नया एडवोकेट जनरल नियुक्त किया जाएगा.

सूत्रों की मानें तो गुरमिंदर सिंह का इस्तीफा आना तय था, खासकर तब जब भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार ने 21 फरवरी को अपने सभी 236 कानून अधिकारियों से इस्तीफा देने को कहा था.

कौन हैं गुरमिंदर सिंह गैरी?
जानकारी के लिए बता दें कि पंजाब यूनिवर्सिटी से लॉ की डिग्री लेने वाले गुरमिंदर सिंह फर्स्ट जनरेशन लॉयर हैं. उन्होंने अपनी प्रैक्टिस साल 1989 में शुरू की थी और साल 2014 में वे सीनियर एडवोकेट बन गए थे. वह मेडिकल काउंसिल फॉर इंडिया, डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया, संघ लोक सेवा आयोग (UPSC), पंजाब विधानसभा और राज्य के अन्य बोर्ड और निगमों के लिए स्थायी वकील रहे हैं.

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