धार
तिरला क्षेत्र की 13 वर्षीया नाबालिग के साथ दुष्कर्म और उसके बाद उसके गर्भवती होने के मामले में हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी मंगलवार को उसे परेशान होना पड़ रहा है। मंगलवार को पीड़िता के पिता धार पहुंचे और उन्होंने स्वास्थ्य विभाग से आगामी प्रक्रिया करने के लिए कहा, लेकिन विभाग द्वारा एंबुलेंस की व्यवस्था नहीं की गई थी। ऐसे में केंद्रीय राज्यमंत्री सावित्री ठाकुर तक मामला पहुंचा। इसके बाद मंत्री ने हस्तक्षेप किया, तब जाकर उसे एंबुलेंस कराई गई।
हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी भटकते रहे परिजन
मामले में वकील नवनीत जैन ने बताया कि हम लोग पीड़िता की ओर से गर्भपात की प्रक्रिया के लिए निवेदन करते रहे, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। संयोग से केंद्रीय राज्यमंत्री दौरे पर थीं और हमने नाबालिग के पिता के माध्यम से आवेदन दिया, तब जाकर इस मामले में कार्रवाई हुई। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राकेश शिंदे ने बताया कि विभाग द्वारा सभी कार्य नियमानुसार किए जा रहे हैं और कोर्ट के आदेश का समय पर पालन किया गया है। बालिका को एंबुलेंस के माध्यम से इंदौर के मेडिकल कॉलेज भेजा गया है। 24 सप्ताह का गर्भ होने के कारण गर्भपात करने की अनुमति केवल मेडिकल कॉलेज को होती है। अब वहां उसकी जांच आदि के बाद गर्भपात की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, धार जिले के एक गांव की 13 साल की नाबालिग को 3 महीने पहले कुछ बदमाश अगवा कर अहमदाबाद ले गए। लड़की के गायब होने के बाद परिजनों ने पुलिस से मदद मांगी। लेकिन पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। जब पीड़िता नाबालिग अपने घर पर लौटी तो उसने परिजनों को पूरा वाकया बता दिया। उसने बताया कि युवक ने उसके साथ गलत काम किया है, इससे किशोरी प्रेग्नेंट हो गई। हालांकि परिजनों को इसकी जानकारी तब हुई, जब नाबालिग के पेट में दर्द बढ़ा। महिला डॉक्टर को दिखाने पर किशोरी के प्रेग्नेंट होने की बात सामने आई।