खंडवा
प्यार, इश्क, मोहब्बतें इन सबमें गहराई से डूब जाने की बातें आज AI के दौर में अगर कोई करे तो लोग इसे बेईमानी करार देंगे। अपने इस प्यार को पाने के लिए उत्तर प्रदेश के देवरिया के रहने वाली एक युवती ने ऐसा कदम उठाया जिसने उसके पूरे परिवार को सदमे में लाकर रख दिया। अपने प्रेमी को पाने के लिए न सिर्फ परिवार के खिलाफ युवती ने विवाह रचाया बल्कि अपने इस्लाम धर्म का भी त्याग कर दिया।
महादेव गढ़ मंदिर पहुंचे प्रेमी जोड़े
विवाह करने की लालसा लिए सहाना और संतोष दोनों खंडवा पहुंचे। खंडवा में विवाह करने के लिए महादेवगढ़ संरक्षक अशोक पालीवाल से उन्होंने मुलाकात की। अशोक पालीवाल ने मौके पर महादेवगढ़ मंदिर के पुजारी को बुलाया और युवक से उसकी राय जानी। मुस्लिम धर्म से ताल्लुक रखने के कारण युवक संतोष अपनी प्रेमिका की बात सुनकर पहले थोड़ा हिचकिचाया लेकिन सहाना ने उसके मन में चल रहे द्वंद्व को पढ़ लिया। सहाना ने तत्काल धर्म परिवर्तन करने का फैसला भी ले लिया। संतोष के मन में चल रहे सारे किंतु-परंतु समाप्त हो गए।
सहाना से बनीं शारदा
खंडवा के महादेवगढ़ मंदिर में पूरे विधि विधान से युवती सहाना का पहले धर्म परिवर्तन करवाया गया और उसको नए नाम से नामांकित भी किया गया। युवती ने इस्लाम धर्म त्याग कर सनातन धर्म को अंगीकार कर लिया। सहाना से बदलकर उसे शारदा नाम दिया गया। शारदा नाम से नामांकित होने के बाद सोमवार शाम को वैदिक मंत्रोच्चार के बीच विधि विधान से अग्नि को साक्षी मानकर युवक युवती ने सात फेरे लिए। दोनों ने अग्नि और महादेव को साक्षी मानकर एक दूसरे से सनातन परंपरा के द्वारा विवाह रचाया और एक दूसरे की गले में वरमाला डाली।
भोपाल में युवक युवती की हुई थी दोस्ती
उत्तर प्रदेश के देवरिया की रहने वाली सहाना जो अब शारदा बन गई है, उसका भोपाल में अपने रिश्तेदार के यहां आना जाना था। हाल ही में खंडवा की एक मुस्लिम लड़की शमामा इस्लाम से धर्म परिवर्तन कर पहले साधना बनी फिर अपने प्रेमी वीरेंद्र से विवाह रचा लिया। शमामा की हिम्मत वाली कहानी सुनकर सहाना ने भी अपने प्रेमी संतोष से विवाह रचाने के लिए प्रस्ताव रख दिया। सहाना काफी ज़िद कर युवक को अपने साथ खंडवा के महादेवगढ़ लेकर आ गई। यहां पर अपने जीवन की नैया पूरे संतोष के साथ संतोष के हवाले कर दी।
महादेवगढ़ मंदिर में पिछले दो महीने में एक दर्जन से ज्यादा लोगों का धर्म परिवर्तन
खंडवा के अति प्राचीन महादेवगढ़ मंदिर में पिछले दो महीने की अगर बात करें तो करीब एक दर्जन से ज्यादा लोगों का धर्म परिवर्तन हो चुका है। वह इस्लाम का त्याग कर सनातन में प्रवेश कर चुके हैं।