Madhya Pradesh, State

हर घर में नल हर नल में जल योजना के तहत 6019.95 लाख रूपये की राशि स्वीकृत की गई

पीवीटीजी के 7.84 लाख परिवारों के हर घर में नल और हर नल से जल

हर घर में नल हर नल में जल योजना के तहत 6019.95 लाख रूपये की राशि स्वीकृत की गई

प्रदेश में 4197 पीवीटीजी गांव के अंतर्गत 11 लाख 67 हजार 373 परिवार इस योजना के तहत लाभांवित हुए 

भोपाल

पीएम जनमन योजना के अंतर्गत (पीवीटीजी) विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह के परिवारों को मूलभूत सुविधाएँ उपलब्ध कराने की दृष्टि से अन्य योजनाओं के साथ पेयजल आपूर्ति के लिये 360 पीवीटीजी गांवों के 7 लाख 84 हजार 327 घरों में नल कनेक्शन जारी किये गये है। प्रधानमंत्री जनमन आदिवासी न्याय महाअभियान के अंतर्गत केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा जनजाति संवर्ग के उत्थान के लिये इस योजना के तहत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मंशा के अनुरूप नल-जल योजना भी विभिन्न क्षेत्रों दी जा रही सुविधाओं में से एक है।

मध्यप्रदेश में 4197 पीवीटीजी गांव है। इसके अंतर्गत 11 लाख 67 हजार 373 परिवार इस योजना के तहत लाभांवित हुए है। वर्ष 2027 तक अधिकांश गांवों को सतही जल योजना के माध्यम से कवर कर लिया जाएगा। हर घर में नल हर नल में जल योजना के तहत 6019.95 लाख रूपये की राशि स्वीकृत की गई है। 432 बसाहटों में से 192 बसाहटों कार्यपूर्ण किया जा चुका है। शेष 240 बसाहटों को कार्य 30 जून 2025 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है।

60 गांव हुए नल – जल युक्त

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के माध्यम से प्रदेश के 400 स्वीकृत पीवीटीजी गांवों में से 60 गांवों में के हर घर में नल जल संचालित है। अभी 340 गांवों में कार्य प्रगति पर है। कार्य पूर्ण हो चुके गांव में 61 प्रतिशत के साथ दतिया प्रथम स्थान पर है इसके पश्चात 58 प्रतिशत सैचुरेरडे गांव के साथ ग्वालियर के 134 गांव में से 78 गांव में नल जल योजना का कार्य पूरा हो चुका है। शिवपुरी में सर्वाधिक स्वीकृत 592 गांव में से 97 गांव में नल जल योजना का काम पूरा हो चुका है। 495 गांवों कार्य प्रगति पर है। दूसरे नबंर पर शहडोल के 431 स्वीकृत गांवों में से 208 गांव में नल जल का कार्य पूर्ण हो चुका है शेष 223 गांव में कार्य प्रगति पर है।

पीएम जनमन योजन के अंतर्गत जनजाति बसाहट वाले गांवों में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी के माध्यम से सामुदायिक जल आपूर्ति का काम प्रचलन में है। आगामी दो वर्षो में इस योजना के अंतरित लक्ष्य प्राप्ति प्रस्तावित है।    

 

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