TIL Desk लखनऊ:👉अपोलोमेडिक्स सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल ने अपने हॉस्पिटल परिसर में लखनऊ ट्रैफिक पुलिस के 100 से अधिक जवानों को एक सीपीआर वर्कशॉप में प्रशिक्षण दिया। यह वर्कशॉप हॉस्पिटल की पहल “संजीवनी” के अंतर्गत आयोजित की गई। इस पहल का उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं या अन्य आपातकालीन स्थितियों में पीड़ितों की जान बचाने के लिए पुलिसकर्मियों को जीवनरक्षक कौशल से लैस करना है। इस अवसर पर। लखनऊ ट्रैफिक पुलिस से कमलेश कुमार दीक्षित पुलिस उपायुक्त, यातायात, अजय कुमार अपर पुलिस उपायुक्त यातायात, इंद्रपाल सिंह सहायक पुलिस आयुक्त, शिवाजी सिंह सहायक पुलिस आयुक्त यातायात, सुबोध कुमार जायसवाल सहायक पुलिस आयुक्त यातायात और J.N. अस्थाना सहायक पुलिस आयुक्त यातायात उपस्थित थे।
वर्कशॉप में अपोलोमेडिक्स सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने प्रतिभागियों को कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) की बुनियादी बातें सिखाईं, जिसमें छाती संपीड़न और बचाव के लिए सांसें देना भी शामिल है। सीपीआर एक जीवन रक्षक तकनीक है जिसका उपयोग हृदय गति रुकने पर किसी व्यक्ति की जान बचाने के लिए किया जाता है। वर्कशॉप में भाग लेने वाले ट्रैफिक पुलिस अधिकारियों ने सीखी गई तकनीकों के बारे में उत्साह व्यक्त किया।
अपोलोमेडिक्स हॉस्पिटल के सीईओ एवं एमडी डॉ मयंक सोमानी ने कहा, “सड़क दुर्घटना और आपात स्थिति में यदि तुरंत सीपीआर प्रदान किया जाता है, तो यह किसी की जान बचा सकता है। सीपीआर एक सरल तकनीक है जिसे कोई भी सीख सकता है। यह जानना महत्वपूर्ण है कि आपातकालीन स्थिति में इसका उपयोग कैसे किया जाए।” उन्होंने यह भी कहा कि ट्रैफिक पुलिस अधिकारी अक्सर मेडिकल इमरजेंसी के पहले उत्तरदाता होते हैं, इसलिए उनके लिए सीपीआर प्रशिक्षण प्राप्त करना महत्वपूर्ण है। अपोलोमेडिक्स सामाजिक पहल “संजीवनी” के तहत समाज के हर व्यक्ति को सीपीआर सिखाकर जीवन रक्षक बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। हम ऐसे आयोजन लगातार करते रहते हैं और भविष्य में भी ऐसी वर्कशॉप समाज के अन्य वर्गों के लिए आयोजित की जाएंगी।”
लखनऊ ट्रैफिक पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी …. ने कहा, “हम अपोलोमेडिक्स सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल द्वारा आयोजित इस सीपीआर वर्कशॉप के लिए आभारी हैं। यह प्रशिक्षण हमारे अधिकारियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। अब हम सड़क दुर्घटनाओं और मेडिकल इमरजेंसी के दौरान पीड़ितों को बेहतर सहायता प्रदान करने में सक्षम होंगे।” अपोलोमेडिक्स की यह पहल लखनऊ में सड़क सुरक्षा को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देगी। इससे यह भी सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी कि सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ितों को समय पर और प्रभावी ढंग से प्राथमिक चिकित्सा मिल सके।