पटना
एक अप्रैल यानी मंगलवार से ऑटो और ई-रिक्शा से स्कूली बच्चों को लाने-ले जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसे लागू करने के लिए यातायात पुलिस ने तैयारी पूरी कर ली है। मंगलवार से जो भी ऑटो और ई-रिक्शा स्कूली बच्चों को ढोते पाए जाएंगे, उनपर यातायात पुलिस कार्रवाई करेगी। इसके लिए ट्रैफिक एसपी ने कर्मियों को निर्देश जारी किया है।
ट्रैफिक एसपी अपराजित लोहान ने बताया कि मंगलवार सुबह से ही प्रमुख चौक-चौराहे सहित स्कूलों के समीप यातायात पुलिस की टीम तैनात रहेगी। निर्देश के बावजूद परिचालन करते पाए जाने पर ऑटो और ई-रिक्शा मालिकों पर जुर्माना लगाया जाएगा। राजधानी में नियमों के विपरीत ऑटो और ई-रिक्शा से स्कूली बच्चों को ढोया जा रहा है। उन वाहनों में बच्चों की सुरक्षा के उपाय तो दूर तीन यात्री की सीट पर आठ से 10 बच्चों को ठूंस कर बिठाया जा रहा है।
वहीं, अप्रशिक्षित चालक होने के कारण ऑटो और ई-रिक्शा से लगातार दुर्घटनाएं हो रही हैं। पटना में करीब पांच हजार ऑटो और ई-रिक्शा स्कूली सेवा में लगे हैं। कार्रवाई के लिए आयकर गोलंबर, डाकबंगला चौराहा, बोरिंग रोड और दीघा चौराहे के अलावा स्कूलों के समीप यातायात पुलिस मौजूद रहेगी। परिवहन विभाग भी स्थिति पर नजर रखेगा। जुर्माना के अलावा वाहन जब्त भी किए जा सकते हैं।
ऐसे वाहनों के लिए नियम तय
स्कूली बच्चों को ढोने वाले वाहनों के लिए नियम तय हैं। वाहन का रंग पीला और चालक प्रशिक्षित होने के साथ ही बच्चों की सुरक्षा के लिए खिड़की पर ग्रिल लगा होना चाहिए। वाहन में प्राथमिक चिकित्सा किट और आग बुझाने वाले उपकरण अनिवार्य हैं।
यूनियन विरोध में उतरा
ऑटो और ई-रिक्शा से बच्चों को स्कूल नहीं ले जाया जाएगा। इसका फैसला तमाम ऑटो यूनियनों ने लिया है। मंगलवार से कई स्कूल खुल रहे हैं। ऑटो और ई-रिक्शा से बच्चों को स्कूल नहीं ले जाने के आदेश का विरोध तमाम ऑटो यूनियन कर रहे हैं। इसको लेकर ऑटो यूनियन द्वारा बुधवार को गर्दनीबाग में धरना भी दिया जाएगा।
ऑटो यूनियन के अजय पटेल ने बताया कि परिवहन विभाग के इस आदेश से ऑटो और ई-रिक्शा चालक की रोजी-रोटी प्रभावित होगी। आदेश के विरोध में हमलोगों ने बच्चे को स्कूल नहीं ले जाने का फैसला किया है। माना जा रहा है कि इस आदेश से राजधानी समेत जिले के 50 हजार से अधिक स्कूली बच्चे प्रभावित होंगे। ये बच्चे ऑटो या ई-रिक्शा से स्कूल आते-जाते हैं।