पूरी तरह से स्वचालित प्रक्रिया के कारण तेज टर्नअराउंड समय, प्रमाणीकरण और पहुंच में आसानी और धोखाधड़ी की रोकथाम होती है
TIL Desk Lucknow/ भारत के अग्रणी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में से एक, बैंक ऑफ बड़ौदा (बैंक) ने नेशनल ई-गवर्नेंस सर्विसेज लिमिटेड (एनईएसएल) की साझेदारी में अपने बड़ौदा इंस्टा प्लेटफॉर्म पर इलेक्ट्रॉनिक बैंक गारंटी (ई-बीजी) के शुभारंभ की घोषणा की जो इलेक्ट्रॉनिक मोड के माध्यम से अंतर्देशीय बैंक गारंटी जारी करने के लिए एक प्लेटफार्म प्रदान करता है। एनईएसएल भारत की पहली और एकमात्र सूचना व्यवस्था है, जो दिवाला और शोधन अक्षमता संहिता, 2016 (आईबीसी) के प्रावधानों के तहत भारतीय दिवाला और शोधन अक्षमता बोर्ड (आईबीबीआई) द्वारा विनियमित है। इस शुभारंभ के साथ, बैंक ऑफ बड़ौदा इलेक्ट्रॉनिक बैंक गारंटी जारी करने वाले बैंकों के एक चुनिंदा समूह में शामिल हो गया है। इलेक्ट्रॉनिक बैंक गारंटी पूरे लाइफसाइकिल के तहत जारी करने, संशोधित करने और बंद करने सहित एक स्टार्ट-टू-एंड डिजिटल प्रक्रिया है जिसके परिणामस्वरूप बैंक गारंटी को जारी करने के टर्नअराउंड समय में काफी कमी आएगी तथा साथ ही अधिक सुरक्षा और आसान पहुंच भी प्राप्त होगी।
अंतर्देशीय बैंक गारंटी जारी करने की पारंपरिक कागज-आधारित प्रक्रिया में इसे जारी करने से लेकर लाभार्थी द्वारा प्राप्ति तक, इसको निष्पादित करने में प्रायः कुछ दिन का समय लगता है। इसके अलावा, एक केंद्रीय रिपॉजिटरी के ना होने से, बीजी की स्थिति को सत्यापित करना मुश्किल है और इसके दुरुपयोग होने की भी संभावना होती है।
ई-बीजी में, भौतिक मुद्रांकन को एनईएसएल के माध्यम से ई-मुद्रांकन के साथ प्रतिस्थापित किया जाता है, जिससे धोखाधड़ी को रोका जा सकता है। ई-बीजी को एक केंद्रीय रिपॉजिटरी में जमा रखा जाता है जिसके परिणामस्वरूप सभी हितधारकों के लिए पूर्ण पारदर्शिता और पहुंच के साथ-साथ प्रमाणीकरण और सत्यापन में आसानी होती है। इसके अलावा, एक पारंपरिक बीजी के मामले में औसत 2-3 दिनों के टीएटी के मुकाबले, एक इलेक्ट्रॉनिक बैंक गारंटी को मिनटों में संसाधित और सुपुर्द कर दिया जाता है।
टी. एन. सुरेश, महाप्रबंधक, प्रमुख – विदेशी मुद्रा और शुल्क आय, बैंक ऑफ बड़ौदा ने बताया, “इलेक्ट्रॉनिक बैंक गारंटी एक परिवर्तनकारी सुविधा है जिसके माध्यम से हम अपने ग्राहकों के लिए बैंकिंग को सरल, अधिक सुरक्षित और आसानी से सुलभ बनाने की कोशिश करते हैं। व्यक्तिगत ठेकेदार, एसएमई और बड़े कॉर्पोरेट बैंक गारंटी के लिए प्रमुख आवेदक होते हैं और एक त्वरित, सहज, पारदर्शी और पूरी तरह से सुरक्षित प्रक्रिया वाली ई-बीजी का इस्तेमाल उनके लिए लाभकारी होगा।”
एनईएसएल के एमडी और सीईओ देबज्योति रे चौधरी ने कहा, “पिछले कुछ सालों में, भारत ने एक मजबूत डिजिटल बुनियादी ढांचा तैयार किया है और यह अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों में विकास को गति प्रदान कर रहा है। सामान्य रूप से बैंकिंग उद्योग और विशेष रूप से बीओबी अपने उत्पादों और प्रक्रियाओं को डिजिटल तरीके से उपलब्ध कराने में सबसे आगे रहा है। एनईएसएल का ई-बीजी डिजिटल उत्पाद के रूप में बैंकिंग उद्योग की लंबे समय से चली आ रही आवश्यकता को पूरा करेगा और ई-बीजी जारी करने की भौतिक प्रक्रिया में आने वाली चुनौतियों का समाधान उपलब्ध कराएगा। हमने इस उत्पाद की संकल्पना से लेकर शुभारंभ तक अपने सदस्यों के साथ कई बार विचार-विमर्श किए। हम हर तरह के समन्वय और सहयोग के लिए भारतीय बैंक संघ के आभारी हैं।”