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राजस्थान की भजनलाल सरकार देगी हर साल बेटियों को देगी 15 से 40 हजार रुपये, जानें किसको नहीं मिलेगा

जयपुर:

राजस्थान सरकार ने बेटियों के लिए एक खास योजना शुरू की है। भजनलाल शर्मा सरकार चाहती है कि राज्य की बेटियां आत्मनिर्भर बनें और खेती के क्षेत्र में आगे बढ़ें। इसलिए, 11वीं कक्षा से लेकर पीएचडी करने वाली छात्राओं को हर साल 15 हजार से 40 हजार रुपये तक की मदद मिलेगी। यह योजना उन छात्राओं के लिए है जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और खेती को सिर्फ खेत तक ही नहीं, बल्कि प्रयोगशालाओं और मैनेजमेंट संस्थानों तक ले जाना चाहती हैं।

बेटियों को आगे बढ़ाने के लिए नई योजना

राजस्थान सरकार बेटियों को कृषि के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए कई कदम उठा रही है। सरकार का मानना है कि बेटियां अब खेतों से लेकर रिसर्च लैब तक अपनी पहचान बनाएंगी। इस योजना के तहत, सरकार पढ़ाई के हर स्तर पर छात्राओं की मदद करेगी। हालांकि इस योजना का नाम अभी तय नहीं है, लेकिन इसका लक्ष्य बेटियों को कृषि शिक्षा में प्रोत्साहित करना है। आवेदन करने की अंतिम तिथि 31 जनवरी 2026 है।
सरकार ने प्रोत्साहन राशि को अलग-अलग स्तरों पर बांटा है-

    11वीं और 12वीं में कृषि विषय लेने पर: 15,000 रुपये प्रति वर्ष
    कृषि स्नातक (B.Sc. Ag, डेयरी, उद्यानिकी, कृषि अभियांत्रिकी आदि): 25,000 रुपये प्रति वर्ष (4 साल का कोर्स)
    कर्ण नरेंद्र कृषि महाविद्यालय, जोबनेर में बीएससी एग्री-बिजनेस: 25,000 रुपये प्रति वर्ष (5 साल का कोर्स)
    एम.एस.सी. कृषि में: 25,000 रुपये प्रति वर्ष (2 साल तक)
    पीएच.डी. कृषि में: 40,000 रुपये प्रति वर्ष (अधिकतम 3 साल तक)

 

जानें जरूरी शर्तें

इस योजना का लाभ उठाने के लिए कुछ जरूरी शर्तें भी हैं। छात्राएं राजस्थान की मूल निवासी होनी चाहिए। साथ ही, वे राज्य सरकार या राज्य द्वारा मान्यता प्राप्त कॉलेजों में कृषि से जुड़ी पढ़ाई कर रही हों। आवेदन करते समय, छात्राओं को अपना मूल निवास प्रमाण पत्र और पिछली कक्षा की मार्कशीट जैसी जानकारी देनी होगी।

आवेदन करने का तरीका भी आसान है। छात्राएं एसएसओ आईडी या ई-मित्र केंद्र के माध्यम से राज किसान साथी पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर सकती हैं। आवेदन करने के बाद, कृषि विभाग के अधिकारी इसकी जांच करेंगे। फिर, स्कूल या कॉलेज के प्रिंसिपल एक सर्टिफिकेट जारी करेंगे। आखिरी में जिला परिषद के संयुक्त निदेशक (कृषि विस्तार) इसे मंजूरी देंगे।
इनको नहीं मिलेगा लाभ

प्रिंसिपल की भी जिम्मेदारी तय की गई है। उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि छात्रा उसी कक्षा में दोबारा दाखिला नहीं ले रही है और परीक्षा में फेल नहीं हुई है। अगर प्रिंसिपल गलत जानकारी देते हैं, तो वे इसके लिए जिम्मेदार होंगे। कुछ छात्राओं को इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा। जैसे कि, जो छात्राएं पिछली कक्षा में फेल हो गई हैं, या जो अपनी श्रेणी सुधारने के लिए फिर से उसी कक्षा में दाखिला ले रही हैं, उन्हें यह लाभ नहीं मिलेगा। इसके अलावा, अगर कोई छात्रा बीच में ही पढ़ाई छोड़ देती है, तो उसे भी इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
आवेदन करने की आखिरी तारीख 31 जनवरी 2026

सरकार ने आवेदन करने की आखिरी तारीख 31 जनवरी 2026 रखी है। इसलिए, जो छात्राएं कृषि में करियर बनाना चाहती हैं, उनके पास अभी काफी समय है। लेकिन, उन्हें सही दस्तावेज और तैयारी के साथ आवेदन करना होगा। सरकार का कहना है कि यह योजना सिर्फ आर्थिक मदद नहीं है, बल्कि एक सामाजिक संदेश भी है। सरकार चाहती है कि बेटियां कृषि के क्षेत्र में आगे बढ़ें और अपनी पहचान बनाएं। सरकार को उम्मीद है कि इस योजना से राज्य में कृषि क्षेत्र में बेटियों की भागीदारी बढ़ेगी।

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