TIL Desk लखनऊ:👉उत्तर प्रदेश विधानसभा में मंगलवार को उप्र विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध (संशोधन) विधेयक को मंजूरी दी गई। विधानमंडल सत्र के दूसरे दिन इस विधेयक को सदन से मंजूरी मिली है। यूपी सरकार ने इससे पहले विधानसभा में धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक, 2021 पारित किया था। पहले विधेयक में एक से 10 साल तक की सजा का प्रावधान था। संशोधन के जरिए पिछले विधेयक को सजा और जुर्माने की दृष्टि से और मजबूत किया गया है।
नए प्रावधानों के अनुसार किसी नाबालिग, दिव्यांग अथवा मानसिक रूप से दुर्बल व्यक्ति, महिला, अनुसूचित जनजाति का धर्म परिवर्तन कराया जाता है तो दोषी को आजीवन कारावास और एक लाख रुपये जुर्माने से दंडित किया जाएगा। इसी तरह, सामूहिक धर्म परिवर्तन पर भी आजीवन कारावास और एक लाख रुपये जुर्माने की सजा होगी।
संशोधन विधेयक में कहा गया है कि अगर कोई व्यक्ति धर्मांतरण के संबंध में किसी विदेशी या अवैध संगठन से धन प्राप्त करता है, तो उसे कम से कम सात साल की कैद होगी, जिसे 14 साल तक बढ़ाया जा सकता है और साथ ही कम से कम 10 लाख रुपये का जुर्माना भी देना होगा।
यूपी सरकार ने सोमवार को विधानसभा में यह विधेयक रखा था, जिसे मंगलवार को पास कर दिया गया। अब इसे विधान परिषद को भेजा जाएगा। दोनों सदनों से पारित होने के बाद यह राज्यपाल के पास जाएगा। फिर इसे राष्ट्रपति को भेजा जाएगा। राष्ट्रपति इस पर अंतिम फैसला लेंगी।
इसके साथ ही औद्योगिक विकास को भारी भरकम आवंटन के साथ उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिए अनुपूरक बजट विधानसभा में पेश किया हैं। कुल 12,209.92 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट विधानसभा के मॉनसून सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को सदन में पेश किया गया।
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने अनुपूरक बजट पेश करते हुए बताया कि सबसे ज्यादा करीब 7,500 करोड़ रुपये औद्योगिक विकास विभाग को आवंटित किए गए हैं। वहीं ऊर्जा विभाग को 2,000 करोड़ रुपये तो नयी बसें खरीदने के लिए परिवहन विभाग को 1,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।