Bihar & Jharkhand, State

भाजपा बिहार में बनाती रही कैडर, इधर चिराग पासवान ने खुद को घोषित कर दिया नीतीश का विकल्प, खूब चर्चा

पटना
बिहार की राजनीति में इन दिनों चिराग पासवान की खूब चर्चा हो रही है। इसका सबसे बड़ा कारण है कि उन्होंने खुद इस बात का ऐलान किया है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में वह चुनाव लड़ेंगे। इतना ही नहीं, उनकी पार्टी लोजपा (राम विलास) के कई नेता उन्हें इस विधानसभा चुनाव में उन्हें मुख्यमंत्री पद का चेहरा बताया है। इसके बाद से बिहार का सियासी गलियारा कयासों से गरमा गया है। बिहार की सत्तारूढ़ भाजपा और जेडीयू के चेहरे पर चिंता की लकीरें खिच चुकी हैं। भाजपा नेतृत्व की तरफ से बार-बार यह तो जरूर कहा जा रहा है कि सीट शेयरिंग के बाद लोजपा के हिस्से में गई अपनी सीटों में से किसी पर चुनाव लड़ने के लिए चिराग पासवान स्वतंत्र हैं।

चिराग पासवान के सार्वजनिक बयान ऐसे समय में आए हैं जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विरोधी लगातार यह बात कह रहे हैं कि 2025 के विधानसभा के बाद वह मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे। इसके लिए उनके स्वास्थ्य का हवाला दिया जा रहा है। जहां तक लोजपा की बात है तो लोकसभा चुनाव में 6.47% वोट शेयर के साथ पांच सीटें जीती थीं, लेकिन यह अभी भी नीतीश कुमार की जेडीयू जितनी बड़ी पार्टी नहीं है, जिसका वोट शेयर 18.52% था।

चिराग के पास क्षमता
मीडिया रिपोर्ट में कहा है कि एक भाजपा नेता ने स्वीकार किया कि चिराग पासवान में अपनी पार्टी के पारंपरिक आधार से परे स्वीकार्यता वाले नेता बनने की क्षमता है। बिहार के एक वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व सांसद ने कहा, "वह सिर्फ 4% वोट वाले पासवानों के नेता बनकर खुद को सीमित नहीं रखना चाहते हैं। उन्हें अपना आधार बढ़ाना है और इसके लिए वे अपने पत्ते खेल रहे हैं।"

भाजपा ने दिया चिराग को मौका
बिहार भाजपा नेताओं के एक वर्ग का मानना ​​है कि केंद्रीय नेतृत्व बिहार जैसे राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण राज्य में पार्टी के लिए चेहरा तैयार करने में विफल रहा और इसने लोजपा नेता को इसका फायदा उठाने का मौका दिया। उन्होंने कहा, “चिराग पासवान बार-बार यह कह रहे हैं कि वह बिहार जा सकते हैं और सामान्य सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। यह दर्शाता है कि वे बिहार की राजनीति में अगले नीतीश कुमार बनना चाहते हैं। नीतीश कुमार लगभग दो दशकों तक बिहार पर बिना बहुमत के बिना किसी पार्टी के 20% से अधिक वोट शेयर के शासन किया है। उन्हें हर जगह से प्रोजेक्ट किया जाता है। भाजपा इन दिनों नेता नहीं, केवल कार्यकर्ता बनाती है।”

भाजपा के शीर्ष नेताओं ने कहा कि उनके पास सभी मौजूदा सहयोगियों को एक साथ रखने और नीतीश कुमार को चेहरा बनाकर आगे बढ़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। नई दिल्ली में एक भाजपा नेता ने मीडिया से कहा, "उनकी स्वास्थ्य स्थिति के बारे में रिपोर्ट अच्छी नहीं हैं, लेकिन उनका चेहरा वोट लाता है और उनकी विरासत महत्वपूर्ण है। अभी तक ऐसा लगता है कि 'जब तक हो सकेगा, तब तक चलेगा'। पार्टी के पास उनके साथ जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।"

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *