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CM सैनी के निर्देेश की करनाल अनाज मंडी में यूं उड़ाई धज्जियां, सफाई व्यवस्था का बुरा हाल

करनाल
प्रदेश की मंडियों में आज से गेहूं की खरीद शुरू होने जा रही है लेकिन मंडियों में फैली अव्यवस्था मंडी प्रशासन के खरीद इंतजाम पर सवाल खड़े करती नजर आ रही है। मंडियों में मंडी में सफाई व्यवस्था का बुरा हाल है। जगह-जगह गंदगी के ढेर लगे हुए हैं। हालांकि सी.एम. नायब सिंह सैनी ने खरीद प्रक्रिया शुरू होने से पहले मंडियों में व्यवस्था को दुरुस्त करने के निर्देश दिए थे लेकिन इसके बाद भी करनाल अनाज मंडी में सी.एम. के निर्देश पूरा करने की ओर ध्यान नहीं दिया गया है।

आढ़ती अश्विनी ने बताया कि यहां अभी तक साफ सफाई ही नहीं हुई है। ऐसे में यदि गेहूं की आवक हो जाती है तो किसानों को खासी दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने बताया कि बारदाने तक की उचित व्यवस्था नहीं है। किसान मदनलाल, रमेश, राजकुमार का कहना है कि यदि प्रशासन समय रहते इन समस्याओं को दूर नहीं करता तो उन्हें भारी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। बारदाने की कमी के कारण अनाज के भंडारण और परिवहन में दिक्कतें आ सकती हैं।

सी.एम. के आदेश हैं कि मंडियों में व्यवस्था को लेकर डी.सी. कमेटी का गठन करें
सी.एम. सैनी ने पिछले दिनों ही चंडीगढ़ में रबी खरीद सीजन 2025-26 की तैयारियों को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक की।  इसमें तय किया गया था कि 1 अप्रैल से गेहूं, जौ और चने की खरीद शुरू की जाएगी। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पायलट प्रोजैक्ट के आधार पर रबी फसलों की खरीद अवधि को 15 से 20 दिन जारी रखने का कार्यक्रम बनाया जाए ताकि किसानों को फसल बेचने में असुविधा न हो। बैठक में बताया गया कि गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2425 रुपए प्रति क्विंटल, जौ का 1980 रुपए प्रति क्विंटल, चने का 5650 रुपए प्रति क्विंटल, मसूर का 6700 रुपए प्रति क्विंटल, सरसों का 5950 रुपए प्रति क्विंटल तथा सूरजमुखी का 7280 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि मंडियों में बारदाने की कमी नहीं रहनी चाहिए। आढ़तियों से भी कहा जाए कि किसानों को बैठने के लिए कुर्सियों की व्यवस्था करें। मंडियों में किसानों और मजदूरों को खाने की दिक्कत न आए, इसलिए 53 अटल किसान मजदूर कैंटीन संचालित हैं। जिला उपायुक्तों को निर्देश दिए गए कि फसलों की खरीद प्रक्रिया की निगरानी सुनिश्चित करने के लिए पूरे सीजन के दौरान एक टीम गठित की जाए।

मंडी में आता है बड़े क्षेत्र का अनाज
करनाल अनाज मंडी क्षेत्र की बड़ी मंडी में शामिल है जिसमें बड़ी संख्या में किसान गेहूं की फसल लेकर आते हैं। किसानों ने बताया कि हर साल मंडी में खरीद सीजन में भारी दिक्कत आती है। इस बार सी.एम. नायब सिंह सैनी निर्देेश दिए थे कि मंडियों में किसी तरह की समस्या नहीं आनी चाहिए लेकिन इसके बाद भी मंडी के स्थानीय अधिकारी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया है। न तो पीने के पानी की व्यवस्था ठीक की, न ही यह देखा गया कि फसल लेकर आए किसान बैठेंगे कहां। किसानों ने बताया कि इस बार उम्मीद थी कि मंडियों में कुछ व्यवस्था तो ठीक होगी लेकिन इस बार भी ऐसा नहीं लग रहा है।

क्या कहती हैं मंडी सचिव
इस बारे मंडी सचिव आशा रानाी से जब बात करने के लिए सपंर्क किया गया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया।

क्या कहते हैं आढ़ती एसोसिएशन प्रधान
आढ़ती एसोसिएशन प्रधान रजनीश चौधरी ने बताया कि 1 अप्रैल से गेहूं की सरकारी खरीद होनी है लेकिन अभी तक मंडी में न तो बारदाना पहुंचा है, न ही अभी तक यह तय हुआ कि किस एजैंसी द्वारा खरीद की जाएगी। न ही अभी तक एजैंसी के इंस्पैक्टरों की ड्यूटी तय की गई है।

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