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कांग्रेस प्रत्याशी बृजेंद्र सिंह को महज 32 वोटों से हार का सामना करना पड़ा, कोर्ट में याचिका दायर कर लगाई गुहार

जींद
विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा। चुनावों की मतगणना को लेकर कई सवाल उठे हैं। इस बार उचाना सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी रहे पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह ने कैंसिल किए गए 150 पोस्टल बैलेट वोटों की रिचेकिंग ना किए जाने को लेकर ना केवल सवाल उठाए हैं, बल्कि इसको लेकर कोर्ट में याचिका भी लगाई। बता दें कि उचाना सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी बृजेंद्र सिंह को महज 32 वोटों से हार का सामना करना पड़ा था।

इस दौरान बृजेंद्र सिंह ने कहा कि जो कैंसिल वोट होते हैं यदि उसका अंतर हार-जीत के अंदर से यदि ज्यादा है, तो गिनती खत्म होने के बाद उन सभी कैंसिल वोटों की दोबारा से जांच रिटर्निंग अधिकारी को मौके पर करनी होती है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि करीब 150 वोट इसलिए कैंसिल किए गए क्योंकि लिफाफे के ऊपर जो स्कैनर था, उनकी स्कैनिंग नहीं हो पा रही थी, इसलिए वो रिजेक्ट के डिब्बे में डाली गई। जिन वोटों की स्कैनिंग नहीं होती तो उन लिफाफों को कैसे खोलना है इसकी भी प्रक्रिया है, जो गिनती के दौरान नहीं की गई, उसी को लेकर उन्होंने कोर्ट में याचिका लगाई है।

वहीं भाजपा सरकार की नॉनस्टॉप योजना पर सवाल उठाते हुए पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह ने कहा कि ये जुमले होते हैं। जुमलों में भाजपा बहुत माहिर और चैंपियन है। उन्होनें कहा कि पार्टी 10 साल से सरकार में है, वो ये कहते हैं कि हम अगले 100 दिन में ये कर देंगे। जब लगातार सरकार में हो तो आने वाले 100 दिन में क्या कर दोगे। जो पिछले 100 दिन में नहीं कर पाए। नई पार्टी की सरकार बनी होती तो कह सकते हैं कि हम अगले 100 दिन, पांच महीने में ये काम करेंगें। 

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