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दिल्ली की एंजल जिंदगी भर रहेगी जेल में, अपने शादीशुदा प्रेमी को पाने के लिए उसकी पत्नी का मर्डर

नई दिल्ली
 नाम- एंजल गुप्ता, उम्र- 26 साल और जुर्म- अपने शादीशुदा प्रेमी को पाने के लिए उसकी पत्नी का मर्डर। एक ऐसी मॉडल की कहानी, जिसने अपनी असल जिंदगी को भी एक क्राइम थ्रिलर बना दिया। प्रेमी को पाने के लिए वो इस हद तक अंधी हो गई कि उसने दो मासूम बच्चों से उनकी मां छीन ली। एक हंसते-खेलते परिवार को उजाड़ दिया। सात साल बाद उसे उसके किए का अंजाम मिला और अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाते हुए जेल की सलाखों के पीछे भेज दिया। उसके प्रेमी सहित चार और लोगों को भी मामले में उम्रकैद की सजा हुई।

कहानी की शुरुआती होती है साल 2016 से। हरियाणा के गुरुग्राम इलाके में देर रात, एक डिस्को के बाहर खड़ी एक युवती अपनी कार का इंतजार कर रही थी। तभी वहां से गुजर रहे दो लोगों ने उसे परेशान करना शुरू कर दिया। इतने में डिस्को से एक शख्स बाहर निकला और युवती को परेशान कर रहे उन दोनों लोगों से भिड़ गया। कुछ देर में ही दोनों मनचले वहां से भाग गए।

युवती ने शख्स को शुक्रिया और दोनों के बीच जान-पहचान हो गई। आपस में मोबाइल नंबर की अदला-बदली हुई और अक्सर दोनों को बीच बातें होने लगीं। कुछ वक्त बाद यही बातें, मुलाकातों में बदलीं और मुलाकातें, रोमांस में। युवती का नाम था- एंजेल गुप्ता और शख्स का नाम मंजीत। मंजीत की मोहब्बत में एंजेल इस कदर डूबी कि उसने फैसला कर लिया कि अपनी आगे की जिंदगी वो उसी के साथ गुजारेगी।

एंजेल मॉडलिंग करती थी। मां की नौकरी दिल्ली के लोक निर्माण विभाग में थी और पिता का देहांत हो चुका था। काम के सिलसिले में राजीव नाम के बिजनेसमेन की मुलाकात एंजेल की मां से हुई और बाद में वही उसके परिवार को संभालने लगा। मॉडलिंग के लिए एंजेल मुंबई चली गई, जहां उसके घर का 50 हजार रुपये किराया भी मुंह बोला पिता राजीव ही देता था।

उम्र में 10 साल बड़ा था शादीशुदा मंजीत

शुरुआत में एंजेल को काम मिला। बी-ग्रेड बॉलीवुड फिल्मों के अलावा उसने कुछ आइटम सॉन्ग्स भी किए। लेकिन, कुछ वक्त बाद जब काम मिलना बंद हो गया, तो वह दिल्ली लौट आई। यही वो वक्त था, जब मंजीत उसकी जिंदगी में आया। मंजीत उम्र में एंजेल से लगभग 10 साल बड़ा था और शादीशुदा भी था। एंजेल को मंजीत की शादी के बारे में पता चला, लेकिन उसके प्यार में वह इतना आगे बढ़ चुकी थी कि उसने इस रिश्ते को कायम रखा।

एंजेल जब मुंबई से दिल्ली आती, तो मंजीत उसके घर आकर रहने लगता। मंजीत के इस नाजायज रिश्ते की भनक उसकी पत्नी सुनीता को भी लगी और उसने अपनी शादीशुदा जिंदगी बचाने के लिए भरपूर कोशिश की। बच्चों की दुहाई भी दी, लेकिन मंजीत के कदम नहीं रुके और उसने सुनीता से तलाक मांग लिया। सुनीता ने ऐसा करने से इंकार कर दिया।

मंजीत को पाने की जिद ने बनाया कातिल

सुनीता हरियाणा के सोनीपत में एक स्कूल में टीचर थी। दिल्ली के बवाना इलाके में रहने वाली सुनीता का हर दिन एक ही रुटीन था। सुबह बच्चों का नाश्ता-खाना बनाने के बाद स्कूटी से स्कूल जाना और शाम को वापस आकर घर संभालना। उसकी जिंदगी पूरी तरह से अब केवल अपने बच्चों के लिए थी। इसके अलावा रात में वह डायरी भी लिखती थी। जो कुछ वह अपनी जिंदगी में झेल रही थी, सब डायरों के पन्नों में बयां करती।

इधर, एंजेल किसी भी कीमत पर मंजीत को पाना चाहती थी। जब उसे पता चला कि सुनीता ने तलाक देने से मना कर दिया है, तो उसने मंजीत के साथ मिलकर एक खतरनाक प्लान बनाया। वह अपने मुंहबोले पिता राजीव के पास गई और उसे सबकुछ बताया। तीनों ने मिलकर तय किया कि रास्ते में रुकावट बन रही सुनीता को खत्म कर दिया जाए।

मिस कॉल से दिया हत्यारों को इशारा

इस काम के लिए राजीव के ड्राइवर ने उन्हें दो ऐसे लोगों से मिलवाया, जो रुपये मिलने पर किसी की भी जान ले सकते थे। 10 लाख रुपये में एंजेल ने इन दोनों को सुनीता के मर्डर की सुपारी दे दी। हत्या के लिए करवा चौथ का दिन चुना गया और एडवांस के तौर पर 50 हजार रुपये किलर्स को दे दिए गए। सुनीता कब घर से निकलती है, कब लौटती है और किस रूट से जाती है, एंजेल और मंजीत ने पूरी जानकारी जुटाई।

सुनीता के बारे में सारी जानकारी मिलने के बाद हत्यारों ने 24 अक्टूबर 2018 को उसे मारने की कोशिश की, लेकिन प्लान पूरा नहीं हो पाया। इसके चार दिन बाद फिर से कोशिश की गई। सुनीता जैसे ही सुबह तैयार होकर स्कूल के लिए अपने घर से निकली, मंजीत ने राजीव के नंबर पर मिस कॉल दी। ये इशारा था कि सुनीता घर से निकल गई और हत्यारों को भी ये बात बता दी गई।

डायरी ने खोली एंजेल और मंजीत की पोल

सुनीता अभी अपने घर से कुछ ही दूर गई थी कि हत्यारों ने उसे गोली मार दी। हत्या के बाद उन्हें 2 लाख रुपये और दिए गए। दिनदहाड़े हुई सुनीता की हत्या से राजधानी में हड़कंप मच गया। हत्यारों की तलाश के लिए पुलिस की एक टीम बनाई गई। पुलिस अभी सीसीटीवी, मोबाइल कॉल डिटेल्स और बाकी सबूतों पर काम कर ही रही थी कि उन्हें वह डायरी मिल गई, जिसमें सुनीता सबकुछ लिखती थी।

इस डायरी में सुनीता ने मंजीत और एंजले के रिश्ते के बारे में भी लिखा था। पुलिस ने मंजीत से पूछताछ की, लेकिन उसने झूठी कहानियां गढ़ने की कोशिश की। इसके बाद पुलिस ने उसके मोबाइल रिकॉर्ड्स खंगाले और आखिरकार वह टूट गया। मामले में मंजीत, एंजेल, राजीव, उसके ड्राइवर और दोनों हत्यारों को गिरफ्तार कर लिया गया। सात साल तक कोर्ट में मामले की सुनवाई चली। सबूतों के आधार पर इन सभी को दोषी माना गया और कोर्ट ने इन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई।

 

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