Madhya Pradesh, State

उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा है कि स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर किडनी रोगों से बचा जा सकता

भोपाल
उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा है कि स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर किडनी रोगों से बचा जा सकता है। विश्व किडनी दिवस के अवसर पर उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने प्रदेशवासियों से किडनी रोगों के प्रति जागरूक रहने और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियां क्रॉनिक किडनी डिजीज (सीकेडी) के प्रमुख कारण हैं। इसके नियंत्रण के लिए समय पर जांच और सतर्कता अत्यंत आवश्यक है। उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं लेकिन अधिक मात्रा में पानी पीने से बचें। अपने आहार में किडनी के लिए अनुकूल फल और सब्जियाँ शामिल करें और भोजन में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों और मसालों का प्रयोग करें। नियमित रूप से व्यायाम करें और धूम्रपान व शराब के सेवन से बचें। साथ ही, चीनी और नमक के अधिक सेवन से परहेज करें ताकि किडनी की कार्यक्षमता प्रभावित न हो।

वर्तमान वर्ष में अब तक 1 लाख 76 हज़ार से अधिक डायलिसिस सत्र सफलतापूर्वक संपन्न

उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में प्रदेश सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने और सभी नागरिकों को उत्कृष्ट चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध कराने के लिए निरंतर प्रयासरत है। राज्य सरकार किडनी रोगियों को गुणवत्तापूर्ण उपचार और डायलिसिस सेवाएँ उपलब्ध कराने के लिए निरंतर प्रयासरत है। वर्तमान में प्रदेश में कुल 67 डायलिसिस इकाइयाँ कार्यरत हैं। इनमें 325 डायलिसिस मशीनों से मरीजों को राहत प्रदान की जा रही है। अप्रैल 2024 से फरवरी 2025 तक 5058 मरीजों ने इन सेवाओं का लाभ लिया, और इस अवधि में 1,76,975 डायलिसिस सत्र सफलतापूर्वक संपन्न किए गए। सभी शासकीय चिकित्सालयों में गुणवत्तापूर्ण डायलिसिस सेवा सुनिश्चित करने के लिए ऑनलाइन वीडियो मॉनिटरिंग सिस्टम लागू किया गया है, जिससे राज्य स्तर से सभी डायलिसिस इकाइयों पर निगरानी रखी जा रही है।

रोकथाम और प्रारंभिक पहचान पर जोर

उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि प्रदेश में मधुमेह और उच्च रक्तचाप से ग्रस्त सभी मरीजों की नियमित सीकेडी जांच सुनिश्चित की जा रही है, ताकि इस बीमारी को प्रारंभिक अवस्था में पहचाना और नियंत्रित किया जा सके। सभी चिकित्सकों को भी इस विषय में जागरूक किया जा रहा है कि वे उच्च जोखिम वाले मरीजों की समय पर पहचान कर उचित मार्गदर्शन दें।उन्होंने नागरिकों से अंगदान को अपनाने की अपील की है। उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि सरकार अंग प्रत्यारोपण को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न योजनाओं और सुविधाओं पर कार्य कर रही है, जिससे अधिक से अधिक मरीजों को नया जीवन मिल सके।

किडनी विकारों के कारण और बचाव

दर्द निवारक दवाओं का अधिक सेवन: दर्द कम करने वाली एनएसएआईडी और एनाल्जेसिक दवाएं अत्यधिक उपयोग से किडनी को नुकसान पहुंचा सकती हैं। बिना चिकित्सक की सलाह के इनका लंबे समय तक सेवन न करें।

अधिक नमक का सेवन: ज्यादा नमक या सोडियम युक्त आहार से रक्तचाप बढ़ता है और किडनी पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए नमक की जगह जड़ी-बूटियों और मसालों का उपयोग करें।

प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ: अत्यधिक प्रोसेस्ड फूड में सोडियम, चीनी और अस्वास्थ्यकर वसा अधिक होती है। इससे किडनी रोग का खतरा 24% तक बढ़ सकता है। इनकी जगह ताजा और पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थ अपनाएं।

कम पानी पीना: शरीर में पानी की पर्याप्त मात्रा न होने से किडनी विषाक्त पदार्थों को ठीक से बाहर नहीं निकाल पाती, जिससे क्षति का खतरा बढ़ जाता है। पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं, खासकर गर्म मौसम में या अधिक शारीरिक गतिविधि करने पर।

नींद की कमी: अच्छी नींद संपूर्ण स्वास्थ्य और किडनी के सुचारू कार्य के लिए आवश्यक है। नींद-जागने का चक्र किडनी के कार्य भार को नियंत्रित करता है, जिससे शरीर में संतुलन बना रहता है।

अत्यधिक मांस का सेवन: प्रोटीन जरूरी है, लेकिन अधिक मात्रा में मांस खाने से किडनी पर दबाव बढ़ सकता है। संतुलित आहार का पालन करें और अपनी प्रोटीन आवश्यकताओं को ध्यान में रखें।

अत्यधिक चीनी खाना: अधिक चीनी मोटापे को बढ़ाती है, जिससे उच्च रक्तचाप और मधुमेह का खतरा बढ़ता है। ये दोनों किडनी रोग के प्रमुख कारण हैं।

धूम्रपान: धूम्रपान न केवल हृदय और फेफड़ों के लिए बल्कि किडनी के लिए भी हानिकारक है। धूम्रपान करने वालों में मूत्र में प्रोटीन बढ़ने की संभावना अधिक होती है, जो किडनी खराबी का संकेत हो सकता है।

अत्यधिक शराब सेवन: ज्यादा शराब पीने से किडनी के कार्य प्रभावित होते हैं, जिससे शरीर में पानी का संतुलन बिगड़ सकता है और रक्तचाप बढ़ सकता है, जो किडनी रोग का प्रमुख कारण है।

निष्क्रिय जीवनशैली: नियमित व्यायाम से वजन, रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल को संतुलित रखा जा सकता है, जिससे किडनी को स्वस्थ बनाए रखने में मदद मिलती है। लंबे समय तक बैठे रहने से बचें और शारीरिक गतिविधि को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *