देवास
पुलिस ने अवैध नकली नोटों की छपाई और संचालन करने वाले अंतरराज्यीय गैंग का भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 5 आरोपियों के कब्जे से लगभग 16 लाख रु के नकली नोट जब्त किए हैं. बैंक नोट प्रेस थाना में आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर पूरे नेटवर्क की छानबीन शुरू कर दी है. माना जा रहा है कि इसमें अन्य राज्यों के गिरोह भी शामिल हो सकते हैं.
देवास में छप रहे थे नकली नोट
दरअसल, असली नोटों की छपाई की एक इकाई बैंक नोट प्रेस कारखाना देवास में मौजूद है. इसी के इर्द-गिर्द एक नकली नोटों की छपाई का अवैध काम हो रहा था. 1 जून को बैंक नोट प्रेस थाना प्रभारी अमित सोलंकी को सूत्रों से सूचना मिली थी कि कुछ आरोपी नकली नोट लेकर यहां से गुजर रहे हैं. इसकी जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को दी गई. एसपी पुनीत गेहलोद ने सूचना मिलते ही फौरन कार्रवाई के लिए थाना प्रभारी को निर्देशित किया. अमित सोलंकी के नेतृत्व में 2 विशेष टीमों का गठन किया गया.
इस प्रकार हुई आरोपियों की पहचान
गठित टीम ने कार्रवाई करते हुए आरोपी सचिन नागर और शुभम वर्मा को गिरफ्तार कर लिया. आरोपियों के कब्जे से लगभग 1 लाख 96 हजार रुपए के नकली नोट और एक बाइक बरामद हुआ है. बैंक नोट प्रेस थाना में BNS का अपराध दर्ज कर दोनों को जांच में लिया गया.
फिर मिला नकली नोटों का भंडार
गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि गांव के सोनकच्छ निवासी राजकुमार मालवीय के निवास पर नकली नोटों का निर्माण किया जा रहा है. पुलिस द्वारा राजकुमार के घर पर दबिश दी गई, जहां से मुख्य आरोपी राजकुमार मालवीय और सुनील पाटिल को गिरफ्तार कर उसके कब्जे से लगभग 13 लाख 25 हजार रुपए के नकली नोट बरामद हुए. साथ ही मौके से अवैध नोट निर्माण में इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरण और अन्य सामग्री बरामद की गई. वहीं, पुलिस द्वारा दबिश देकर आरोपी शक्ति सिंह चावड़ा को भी गिरफ्तार किया गया.
SP पुनीत गेहलोद ने कहा, " गिरफ्तार आरोपी नकली नोट को बाजार में खपाने के फिराक में थे. पुलिस ने सभी को नकली नोट सहित गिरफ्तार कर लिया है. 15 लाख 41 हजार के नकली नोट, लैपटॉप, प्रिंटर और स्कैनिंग पेटी पेटी सहित 100, 200, 500 सौ के आधे छपे प्रिंट पेपर एवं दो बाइक जब्त किया है."