चंडीगढ़
पंजाब के 37 किसान संगठनों से जुड़े लोग आज चंडीगढ़ में धरना देने पहुंचने वाले थे। इन किसानों ने घरों से निकलना शुरू कर दिया था, लेकिन पंजाब प्रशासन की सख्ती के चलते ये लोग चंडीगढ़ नहीं पहुंच पा रहे हैं। संगरूर में ही शाम को पुलिस ने कई किसानों को हिरासत में ले लिया था। इसके अलावा होशियारपुर, अबोहर, आनंदपुर साहिब, अमृतसर समेत कई और जिलों में भी ऐक्शन हुआ है। पुलिस ने बड़ी संख्या में किसानों को हिरासत में लिया है। इसके अलावा चंडीगढ़ की सीमाओं पर पुलिस का सख्त पहरा और बैरिकेडिंग है। इसके चलते किसानों के लिए चंडीगढ़ के अंदर जाना ही मुश्किल हो गया है। उन्हें बॉर्डर से ही लौटाया जा रहा है। किसानों की रणनीति थी कि चंडीगढ़ में एक सप्ताह का धरना दिया जाए, लेकिन उनका पहुंचना ही मुश्किल लग रहा है।
संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े किसानों को रोकने के लिए सभी स्टेट हाईवेज और नेशनल हाईवेज पर भी पुलिस की तैनाती की गई है। चंडीगढ़ सीमा को अभेद्य किले में तब्दील कर दिया गया है। समराला-चंडीगढ़ रोड पर बड़ी संख्या में किसानों को हिरासत में लिया गया है। काफी किसानों को वापस लौटा दिया गया है। संगरूर, तरनतारन, अमृतसर जैसे कई जिलों में राज्य सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन भी रहे हैं। स्वर्ण मंदिर के सामने ही सैकड़ों किसानों ने सीएम भगवंत मान के खिलाफ नारेबाजी की और उनके पुतले जलाए। इसके अलावा फतेहगढ़ जिले में सरहिंद समेत कई इलाकों में पुलिस की भारी तैनाती है। सीएम का गृह जिला कहे जाने वाले संगरूर में आसपास के जिलों से भी फोर्स को भेजा गया है।
स्टेट और नेशनल हाईवेज पर ही बैरिकेडिंग
रोपड़, बरनाला जिलों में हाईवेज पर पुलिस नजर बनाए हुए हैं। प्रशासन को सीधा आदेश है कि आंदोलनकारी किसानों को चंडीगढ़ की ओर बढ़ने न दिया जाए। किसान संगठनों की मांग है कि भूमि अधिग्रहण की मुआवजा राशि को बढ़ाया जाए। इसके अलावा भूमिहीन मजदूरों को भी जमीन का आवंटन किया जाए। किसानों और मजदूरों पर जो कर्ज है, उसे भी माफ करने की मांग की जा रही है। बता दें कि इससे पहले केंद्र सरकार के खिलाफ भी किसान आक्रामक रहे हैं। कई बार किसानों ने दिल्ली जाने का दम भरा है, लेकिन उन्हें हरियाणा और पंजाब को जोड़ने वाले शंभू और टिकरी बॉर्डरों पर ही रोक लिया गया। ऐसी ही स्थिति फिलहाल चंडीगढ़ जाने की तैयारी करने वाले किसानों को रोकने के लिए भी है।