Madhya Pradesh, State

ED ने खारिज की सौरभ शर्मा और शरद जायसवाल की जमानत याचिका

भोपाल

मध्य प्रदेश के परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा और उसके साथी शरद जायसवाल की जमानत याचिका खारिज कर दी गई है। बुधवार को ईडी की स्पेशल कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने दोनों पक्ष प्रवर्तन निदेशालय के वकील और सौरभ-शरद के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद फैसला एक दिन के लिए सुरक्षित रखा था। विशेष न्यायाधीश सचिन कुमार घोष की अदालत ने जमानत देने से इनकार कर दिया है।

प्रदेश के बहुचर्चित 52 किलो सोना और 11 करोड़ कैश मामले में ईडी ने केस दर्ज किया था। प्रवर्तन निदेशालय की कोर्ट से सौरभ शर्मा की मां उमा शर्मा, पत्नी दिव्या शर्मा, मौसरे जीजा विनय हांसवानी और साले रोहित तिवारी को जमानत मिल चुकी है। विशेष न्यायाधीश सचिन कुमार घोष की कोर्ट से 10 लाख के बॉन्ड पर जमानत दी गई है। वहीं सौरभ शर्मा और शरद जायसवाल ने भी जमानत अर्जी लगाई थी। इस पर सुनवाई करते हुए विशेष न्यायाधीश सचिन कुमार घोष ने अपराध की गंभीरता को देखते हुए आरोपियों को जमानत देने से इंकार कर दिया है।

आपको बता दें कि ईडी ने तीनों को केंद्रीय जेल से न्यायिक हिरासत में रहने के दौरान गिरफ्तारी कर अदालत से सात दिन की रिमांड पर लिया था। इस दौरान उनसे लंबी पूछताछ चली थी। अब तक इस मामले में ईडी ने कुल 100.36 करोड़ रुपए की कुर्की और जब्ती की है। वहीं सौरभ, चेतन और शरद के खिलाफ लोकायुक्त पुलिस 60 दिन में भी चालान पेश नहीं कर सकी। जिस वजह से लोकायुक्त पुलिस के केस में तीनों को जमानत मिल चुकी हैं।

ये है मामला
ED ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बड़ी कार्रवाई की थी। परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा पर आरोप है कि उसने गलत तरीके से करोड़ों की संपत्ति बनाई है। उसने यह संपत्ति अपने और अपने रिश्तेदारों के नाम पर खरीदी थी। जांच में पता चला कि चेतन सिंह गौर नाम के एक व्यक्ति की इनोवा गाड़ी से जो 11 करोड़ कैश और 52 किलो सोना मिला था, वह सौरभ शर्मा का ही था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *