Madhya Pradesh, State

प्रदेश में स्वच्छ भारत मिशन 2.0 का प्रभावी क्रियान्वयन

प्रदेश में स्वच्छ भारत मिशन 2.0 का प्रभावी क्रियान्वयन

कचरे के सभी भागों का पूर्ण प्रसंस्करण
सभी शहरों को कचरा मुक्त बनाने का लक्ष्य

भोपाल

मध्यप्रदेश में स्वच्छ भारत मिशन 2.0 (शहरी) के अंतर्गत नगरों में गतिविधियां निरंतर जारी हैं। मिशन के तहत सभी गतिविधियां एक अक्टूबर 2026 तक संचालित होंगी। इसके लिये लक्ष्य भी तय कर लिये गये हैं। इन गतिविधियों में प्रमुख रूप से उपयोगी जल के प्रबंधन के साथ स्वच्छता व्यवहारों को संस्थागत स्वरूप प्रदान करते हुए उन्हें व्यवहारिक बनाना है। आगामी वर्षों में प्रदेश के शहरों को कचरा मुक्त बनाना, खुले में शौच से मुक्ति, मानदंडों ओडीएफ+, ओडीएफ++, वॉटर+ को स्थायी बनाये रखना, इसी के साथ स्वच्छता को जन आंदोलन बनाने के लिये नागरिकों की अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने के प्रयास किये जा रहे हैं। स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत सभी कार्यवाही नगरीय विकास एवं आवास विभाग के अंतर्गत सुनिश्चित की जा रही हैं।

स्वच्छ भारत मिशन 2.0 के लक्ष्य

स्वच्छ भारत मिशन 2.0 के तहत प्रदेश में स्त्रोत पृथक्कीकरण, निर्माण एवं विध्वंस अपशिष्ट सहित कचरे के सभी भागों का पूर्ण प्रसंस्करण, प्लास्टिक अपशिष्‍ट और सिंगल यूज प्लास्टिक को चरणबद्ध रूप से कम करना और संपूर्ण लीगेसी वेस्ट को उपचारित करते हुए सभी शहरों को कचरा मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इस मिशन में इस बात पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है कि सीवर्स, सेप्टिक टैंक की सफाई में मानव श्रम को सीधे रूप से रोका जाये और मशीनों के माध्यम से सफाई की व्यवस्था की जाये। शहरी क्षेत्रों में उपयोगी जल को जल संरचनाओं में जाने से पूर्व उपचार और पुर्न-उपयोग के लिये सीवेज ट्रीटमेंट इकाई, नालों में इंटरसेप्शन व डायवर्जन आदि सुविधाओं का विकास करना प्रमुख है।

वित्तीय प्रावधान

स्वच्छ भारत मिशन 2.0 (शहरी) में मध्यप्रदेश में संचालित योजनाओं के लिये करीब 4 हजार 914 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है, जिसमें करीब 2200 करोड़ रूपये की राशि केन्द्र सरकार की ओर से और 1800 करोड़ रूपये राशि राज्य सरकार के अंशदान के रूप में होगी।

धार्मिक एवं पर्यटन स्थल पर सुलभ कॉम्प्लेक्स की व्यवस्था

स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत नगरीय क्षेत्रों में उन स्थानों को चिन्हित किया जा रहा है, जिन स्थानों पर आवाजाही ज्यादा होती है। इनमें धार्मिक स्थल, पर्यटन स्थल के आस-पास सुलभ काम्प्लेक्स की सुविधाओं को सुनिश्चित करने के लिये नगरीय निकायों को कहा गया है।

 

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