Madhya Pradesh, State

सम्राट विक्रमादित्य द हैरिटेज करेगा इतिहास जीवंत : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

सम्राट विक्रमादित्य की पुण्य-भूमि पर लिखा गया एक और नया अध्याय : राज्यपाल पटेल

सम्राट विक्रमादित्य द हैरिटेज करेगा इतिहास जीवंत : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा है कि सम्राट विक्रमादित्य की पुण्य-भूमि पर एक और नया अध्याय लिखा गया

उज्जैन में सम्राट विक्रमादित्य द हैरिटेज का हुआ लोकार्पण

उज्जैन

राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा है कि सम्राट विक्रमादित्य की पुण्य-भूमि पर एक और नया अध्याय लिखा गया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और केंदीय विधि और न्याय एवं संसदीय कार्य राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुन राम मेघवाल ने रविवार को उज्जैन में विक्रमादित्य द हैरिटेज का लोकार्पण किया।

राज्यपाल पटेल ने सम्राट विक्रमादित्य द हैरिटेज के शुभारंभ एवं विक्रम संवत 2080 की शुरूआत पर शुभकामना देते हुए कहा कि सम्राट विक्रमादित्य की पुण्य-भूमि पर नया अध्याय लिखा गया है। जहां महाकाल स्वयं विराजते है, जहां कालिदास की अमर रचना जन्मी है और जहां विक्रमादित्य ने न्याय की सम्पूर्ण आधार-शिला रखी है। इस पुण्य-भूमि पर ‘सम्राट विक्रमादित्य द हैरिटेज’ का शुभारंभ कर आज एक और इतिहास रचा गया है। उन्होंने कहा कि महाराजवाड़ा के इस प्राचीन भवन को केवल पुनजीवित करना एवं निर्माण करना नहीं है, बल्कि ऐतिहासिक विरासत को संवारने का संकल्प है। यह हेरिटेज आधुनिकता और परंपरा का अद्वितीय संगम है। यहां पर्यटकों के लिए बेहतरीन व्यवस्थाएं मिलेगी। एक–एक कक्ष को आकर्षकनाम भी दिया गया है। उज्जैन का यह हैरिटेज पर्यटन के साथ भगवान महाकाल के भक्तों को आधुनिक सुविधाएं प्रदान करेगा। पर्यटकों के लिए यहां आयुर्वेदिक पंचकर्म जैसी अनेक सुविधाओं की भी व्यवस्थाए की गई है। उन्होनें हैरिटेज के निर्माण पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव बधाई भी दी।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में प्रदेश विरासत से विकास की ओर अगसर है। आज से नये युग का प्रादुर्भाव हो रहा है। उज्जैन के सम्राट विक्रमादित्य का काल रामराज्य की तरह रहा है। उन्होनें कहा कि सनातन संस्कृति से श्रेष्ठ परमंपराओं को पुन: जीवित किया जाना चाहिए। आज उज्जैन का गौरव दिवस है, हमें अतीत से वर्तमान तक व्यवस्थाओं पर गर्व करना चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्ष 1235 में इलतुत्मिश ने उज्जैन नगर सहित उत्तर भारत के राज्यों को भी तहस-नहस किया था। उज्जैन में शिवाजी महाराज एवं महाराज सिंधिया के काल में अनेक इमारतों का निर्माण हुआ है। उज्जैन में प्राचीन गौरवशाली इतिहास की झलक दिखाई देती है। ऐतिहासिक इमारतें, जिनका पहले शासकीय कार्यालयों के तौर पर उपयोग होता रहा, उन्हें विरासत के रूप मे संजोने का काम किया जा रहा है। आज ‘सम्राट विक्रमादित्य हेरिटेज होटल’ का निर्माण महाराजवाड़ा के पुराने भवन का जीर्णोद्धार कर किया गया है। यहां पूर्व में विद्यालय संचालित होता था। इसके निर्माण से इतिहास जीवंत हो रहा है, यहां आने वाले पर्यटकों को आनंद महसूस होगा। पर्यटकों के लिए हैरिटेज होटल में एआई का इस्तेमाल कर अच्छी व्यवस्थाएं की गई हैं। महाकाल प्रांगण में बने इस हैरिटेज होटल से श्रद्धालुओं को सुविधा जनक तरीके से महाकाल के दर्शन भी होंगे।

केन्द्रीय राज्यमंत्री मेघवाल ने कहा कि राजस्थान के बीकानेर जिले के भीकमपुर में भी एक बड़ा महल है। यह भी विक्रमादित्य कालीन प्रतीत होता है, यह शोध का विषय है। उन्होंने कहा कि वे न्यायप्रिय सम्राट विक्रमादित्य की नगरी में सीखने के लिए आए हैं।

विक्रमादित्य हैरिटेज होटल का लोकार्पण

राज्यपाल पटेल, मुख्यमंत्री डॉ. यादव और केन्द्रीय राज्य मंत्री मेघवाल ने सम्राट विक्रमादित्य हैरिटेज होटल का लोकार्पण, परंपरागत पूजा-अर्चना के साथ फीता खोल कर किया। सभी अतिथियों ने हेरिटेज के विभिन्न कक्षों का अवलोकन भी किया। इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री इन्दरसिंह परमार, सांसद अनिल फिरोजिया, विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा, शिवप्रकाश, महापौर मुकेश टटवाल, नगर निगम अध्यक्ष श्रीमती कलावती यादव, प्रमुख सचिव शिव शेखर शुक्ल सहित गणमान्य नागरिक भी उपस्थित थे।

 

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