Madhya Pradesh, State

मध्य प्रदेश में मल्टीस्टोरी से चलेंगी फैक्ट्रियां, मोहन सरकार का अनोखा प्रयोग कराएगा पैसों की बारिश

भोपाल
 मध्य प्रदेश में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए अब फ्लैट में भी फैक्ट्रियां खोली जाएंगी. मध्य प्रदेश में इस तरह का पहला प्रयोग राजधानी भोपाल से सटे मंडीदीप में किया जा रहा है. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 16 फरवरी को इसका भूमिपूजन करने जा रहे हैं. इस प्लान के तहत एक छह मंजिला बिल्डिंग बनाई जा रही है, जिसमें छोटे उद्योगों को फ्लैट जैसी जगह उपलब्ध कराई जाएगी. इसका फायदा उन उद्योगों को मिलेगा जिन्हें इंडस्ट्रियल एरिया में बड़ी जगह की जरूरत नहीं होती और छोटे स्थान पर ही अपनी इंडस्ट्री चला सकेंगे.

बिल्डिंग ऐसी कि छोटे वाहन ऊपर तक पहुंचेंगे

मध्य प्रदेश सरकार उद्योगों को बढ़ाने और ज्यादा से ज्यादा निवेश लाने की कोशिश में जुटी हुई है. इसके लिए 24 और 25 फरवरी को ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट भी आयोजित की जा रही है. निवेश की राह आसान बनाने के लिए सरकार उद्योगों से जुड़ी नीतियों को भी फ्रेंडली बना रही है. बड़े उद्योगों के अलावा छोटे उद्योगों को भी बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार मल्टीस्टोरी इंडस्ट्री एरिया का कंसेप्ट लेकर आई है. इसमें भोपाल के नजदीक मंडीदीप इंडस्टिल एरिया सहित दूसरे औद्योगिक क्षेत्रों में मल्टी स्टोरी बिल्डिंग बनाई जाएगी.

मंडीदीप में 30 एकड़ से ज्यादा भूमि पर निर्माण

मोहन यादव सरकार के मल्टीस्टोरी इंडस्ट्री एरिया कंसेप्ट के लिए मंडीदीप इंडस्ट्रियल एरिया में 30.89 एकड़ भूमि चिन्हित की गई है. यहां बनाई जा रही 6 मंजिला बिल्डिंग में हर मंजिल पर 128 यूनिट के लिए जगह उपलब्ध होगी. इस तरह एक भवन में 768 छोटे उद्योग चल सकेंगे. बिल्डिंग को इस तरह से डिजाइन किया जाएगा कि छोटे वाहन ऊपर तक माल या अन्य सप्लाई लेकर पहुंच जाएं. इसके लिए इसमें हैवी लिफ्ट भी लगाई जाएगी.

मंडीदीप एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव अग्रवाल कहते हैं, '' इस योजना से इंडस्ट्रियल एरिया में छोटे उद्योगों को जगह मिलेगी. सरकार का यह अच्छा कदम है. कुछ राज्यों में इस कंसेप्ट पर काम किया गया, जिसके अच्छे नतीजे रहे हैं.

फ्लैट में फैक्ट्रियां खोलने का क्या फायदा?

फ्लैट में फैक्ट्रियां खोलने के लिए बनाई जाने वाली बिल्डिंग में एक इंडस्ट्री को 1178 वर्ग फीट की जगह उपलब्ध कराई जाएगी. इस मल्टी में इलेक्ट्रॉनिक्स, खिलौने, आईटी और इन्क्यूबेशन सेंटर से जुड़े छोटे उद्योग संचालित हो सकेंगे. इसके अलावा बड़े उद्योगों के सपोर्ट में बनने वाले छोटे इक्युपमेंट का निर्माण भी यहां हो सकेगा. इस तरह छोटे उद्योगों के लिए इंडस्ट्रियल एरिया में जगह उपलब्ध कराना भी आसान हो जाएगा.

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