Rajasthan, State

राजस्थान के विभिन्न शहरों में डंपर चोरी करने वाली गैंग का पर्दाफाश, सरगना गिरफ्तार

 सिरोही

जिले के अनादरा थाना क्षेत्र में एक माह पूर्व सनवाड़ा स्थित पेट्रोल पंप से डंपर चोरी करने वाली गैंग का पर्दाफाश हुआ है। पुलिस ने इस मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए गैंग के एक मुख्य आरोपी मुस्ताक खां उर्फ मुक्का को गिरफ्तार किया है। पूछताछ के दौरान आरोपी ने राजस्थान के विभिन्न शहरों में डंपर चोरी करने की बात स्वीकार की है। पुलिस अब गैंग के अन्य फरार सदस्यों की तलाश में जुटी हुई है।

सिरोही पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार ने बताया कि यह कार्रवाई अनादरा थानाधिकारी सरिता विश्नोई के नेतृत्व में गठित टीम द्वारा की गई। इस टीम ने आरोपी मुस्ताक खां, निवासी तिजारा, अलवर को गिरफ्तार किया, जो पहले से ही कई मामलों में वांछित था। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार आरोपी के खिलाफ पाली सदर और अलवर सदर सहित कई अन्य थानों में चोरी और अन्य अपराधों के मुकदमे दर्ज हैं। पुलिस पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसने अपने साथियों अजीम और असगर के साथ मिलकर डंपर चोरी की वारदात को अंजाम दिया था। उसने यह भी कबूला कि गैंग पहले भी मालपुरा (टोंक), विवेक विहार (जोधपुर), चांदबाजी (जयपुर), कोटपुतली, पाली, रानी, डीडवाना सहित कई स्थानों पर डंपर चोरी कर चुकी है। फिलहाल पुलिस इस गैंग के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है।

ताजा घटना 25 जनवरी की रात को हुई थी, जब सनवाड़ा स्थित एक पेट्रोल पंप से केपी एंटरप्राइजेज का डंपर चोरी कर लिया गया। फर्म मालिक कृष्णपाल सिंह देवड़ा ने इसकी रिपोर्ट 26 जनवरी को अनादरा थाने में दर्ज करवाई थी। रिपोर्ट के अनुसार चोरी के बाद उन्होंने अपने डंपर को जीपीएस से ट्रेक करने की कोशिश की थी लेकिन चोरों ने चालाकी दिखाते हुए पहले ही डंपर से कंपनी-फिटेड जीपीएस डिवाइस निकालकर फेंक दी थी। इसका अंतिम लोकेशन सनवाड़ा से करीब दो किलोमीटर दूर पावापुरी जैन तीर्थ के पास मिला था। इसके बाद डंपर में मौजूद दूसरे जीपीएस से उसकी अंतिम लोकेशन सांडेराव-कोशलाव रोड पर मिली थी।

पुलिस ने घटना की गंभीरता को देखते हुए त्वरित कार्रवाई शुरू की और चोरी के डंपर की तलाश में घटनास्थल और आसपास के इलाकों की 300 से अधिक सीसीटीवी फुटेज खंगाली। इसके अलावा, सिरोही, पाली, ब्यावर, अजमेर, जयपुर, अलवर, सीकर, दौसा, भरतपुर, उदयपुर, जोधपुर, जालौर और सांचौर जिलों के टोल प्लाजा के सीसीटीवी कैमरों की भी जांच की गई। इस विस्तृत जांच से पुलिस को महत्वपूर्ण सुराग मिले, जिससे गैंग की गतिविधियों का पता चला।

गैंग के काम करने के तरीके की जांच में खुलासा हुआ कि वे पहले किराए की टैक्सी लेकर संभावित चोरी के स्थानों की रेकी करते थे। वे दिन में सीसीटीवी कैमरों से बचते हुए खाली खड़े डंपरों पर नजर रखते थे और फिर रात के समय उन्हें चुराने की योजना बनाते थे। गैंग के सदस्य मास्टर की का इस्तेमाल कर महज 10-15 सेकंड में डंपर का लॉक खोल देते थे और एक मिनट के भीतर उसे स्टार्ट कर वहां से रवाना हो जाते थे। चोरी के बाद वे सबसे पहले जीपीएस डिवाइस को निकालकर फेंक देते थे या फिर उसे किसी अन्य वाहन में डाल देते थे ताकि पुलिस की जांच भटक जाए। इसके अलावा वे टोल प्लाजा से बचने के लिए छोटे रास्तों का इस्तेमाल करते थे और एक एस्कॉर्ट गाड़ी साथ रखते थे ताकि किसी भी अप्रत्याशित स्थिति से निपटा जा सके।

पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि गैंग का एक और सदस्य अरशद उर्फ लंगड़ा, निवासी बाई बरेड़ा, जिला अलवर, इस समय मप्र की जेल में बंद है। इससे संकेत मिलता है कि यह एक संगठित अपराधी गिरोह है, जो राज्य भर में डंपर चोरी की घटनाओं को अंजाम देता रहा है। पुलिस फिलहाल गिरफ्तार आरोपी से और पूछताछ कर रही है ताकि गैंग के अन्य सदस्यों की जानकारी मिल सके और उन्हें जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जा सके।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *