TIL Desk वृंदावन:👉प्राचीन उत्तर भारत के विश्व प्रसिद्ध प्रसिद्ध श्रीरंगनाथ मंदिर में लट्ठा के मेला का आयोजन रंगनाथ मंदिर प्रांगण में बड़े ही धूमधाम के साथ किया गया l
वृंदावन क्षत्रिय महासभा द्वारा दुसायत स्थित ठाकुर अंतर्यामी मंदिर से एक भव्य शोभा यात्रा क्षत्रिय समाज के लोगों द्वारा निकाली गई शोभा यात्रा नगर के अठखंबा,बनखंडी, लोई बाजार, प्रताप बाजार, गोपीनाथ बाजार होते हुए रंग जी मंदिर पहुंची शोभायात्रा में चल रही काली मां की झांकी ढोल, नगाड़े, तासे, बैंड बाजे आकर्षण का केंद्र बने रहे l
अंतर्यामी अखाड़े के नेतृत्व में लट्ठे पर चढ़ने के लिए आए पहलवानों ने ठाकुरजी का आशीर्वाद लेकर करीब 40 फुट ऊंचे चंदन की लकड़ी के लट्ठे पर बंधे नारियल और कलश को प्राप्त करने के लिए जोर आजमाइश शुरू कर दी,पहलवान खंभे पर चढ़ने के लिए एक के ऊपर एक सवार होकर मानव सीढ़ी बनाने की कोशिश कर रहे थे,ऊपर मचान पर बैठे मंदिर के सेवायत और कर्मचारी तेल और हल्दी मिश्रित जल पहलवानों पर डालते हुए उन्हें असफल करने में लगे हुए थे l
मेला स्थल पर उपस्थित हजारों दर्शक पहलवानों के चढ़ने और गिरने का आनंद लेने के साथ ही उनका उत्साह बड़ा रहे थे. आखिरकार पहलवानों ने एक बार फिर ठाकुरजी से आशीर्वाद लेकर काफी जोर आजमाइश के बाद सफलता हासिल कर विजय पताका पकड़ी,संपूर्ण परिसर रंगनाथ भगवान के जयकारों से गुंजायमान हो उठा l
नंदोत्सव के रूप में आयोजित लट्ठा मेला का आनंद लेने के लिए स्वयं भगवान गोदारंगमन्नार कल्पवृक्ष पर सवार होकर आयोजन स्थल पर पहुंचते हैं वृंदावन क्षत्रिय महासभा के अध्यक्ष धर्मेंद्र पाल सिंह एवं जितेंद्र सिंह राणा ने बताया कि हजारों वर्षों से चली आ रही लट्ठे के मेला की परंपरा का विधिवत रूप से निर्वहन किया जा रहा है अखाड़े के पहलवानों द्वारा विधिवत रूप से जोर आजमाइश कर विजय पताका फहराई जाती है l
वहीं इस आयोजन को देखने के लिए हजारों की संख्या में मंदिर परिसर में श्रद्धालु भक्तों की भीड़ भी उमड़ पड़ी l