चंडीगढ़
हरियाणा के विकास एवं पंचायत विभाग ने ई-लाइब्रेरी स्थापित करने की प्रक्रिया तेज कर दी है। प्रदेश के 1000 गांवों में ई-लाइब्रेरी बनकर लगभग तैयार हो चुकी हैं। इनमें कंप्यूटर सिस्टम व पुस्तकों की कमी है। इस कमी को पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने खरीद को मंजूरी दे दी है। इतना ही नहीं, भारत नेट की ओर से इन सभी लाइब्रेरी में वाई-फाई सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। 15 अगस्त को 1000 लाइब्रेरी युवाओं को समर्पित करने की योजना विकास एवं पंचायत विभाग ने बनाई है।
ई-लाइब्रेरी स्थापित करने की शुरूआत पूर्व की मनोहर सरकार के समय में हुई थी। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस योजना का विस्तार करते हुए प्रदेश के सभी गांवों में लाइब्रेरी बनाने का फैसला लिया है। हालांकि कई ऐसे गांव भी हैं, जिनमें समाजसेवी संस्थाओं व समाजसेवियों द्वारा सीएसआर, निजी व अन्य फंड से लाइब्रेरी स्थापित की हैं। प्रदेश के विकास एवं पंचायत विभाग द्वारा पहले चरण में 1000 गांवों में लाइब्रेरी स्थापित की जा रही हैं।
ग्राम पंचायतों के पास उपलब्ध बिल्डिंग की ही मरम्मत करके उनमें ये लाइब्रेरी बनाई गई हैं। लाइब्रेरी में युवाओं के बैठने के लिए डेस्क/बेंच व कंप्यूटर टेबल के अलावा विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियों के अलावा अन्य पुस्तकें उपलब्ध रहेंगी। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने ई-लाइब्रेरी के लिए कंप्यूटर सिस्टम, वाई-फाई सुविधा व सीसीटीवी कैमरों की खरीद को मंजूरी दे दी है। इसके लिए टेंडर भी जारी हो चुके हैं। जल्द ही सामान मिलने की उम्मीद है।
इतना ही नहीं, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए टॉप प्रकाशकों की पुस्तकों को लाइब्रेरी में रखा जाएगा। अब विभाग ने 1500 और ग्राम पंचायतों में बिल्डिंग चिह्नित कर ली हैं। इन बिल्डिंग को ई-लाइब्रेरी में बदला जाएगा। एक लाइब्रेरी की मरम्मत आदि करनेप र तीन से चार लाख रुपये की लागत आती है। इसी तरह से लाइब्रेरी में लगभग चार लाख रुपये की लागत फर्नीचर आदि खरीदने पर खर्च होते हैं। ई-लाइब्रेरी के लिए सरकार ने विशेष बजट तय किया हुआ है।
तीसरे चरण में बनेंगे नये भवन
विकास एवं पंचायत विभाग द्वारा 2500 गांवों में बिल्डिंग चिह्नित की गई हैं। जिन गांवों में बिल्डिंग उपलब्ध नहीं हैं, वहां लाइब्रेरी के लिए नये भवन बनेंगे। नये भवन बनाने का काम तीसरे चरण में होगा। पहले चरण में 1000 लाइब्रेरी का उदघाटन 15 अगस्त को करवाने की योजना है। फिर दूसरे चरण में इसी वर्ष के आखिर तक बाकी की 1500 लाइब्रेरी शुरू की जाएंगी। नये भवनों के लिए जमीन चिह्नित करने के बाद इसका प्रस्ताव मुख्यमंत्री के पास मंजूरी के लिए जाएगा।
विकास एवं पंचायत विभाग द्वारा अभी तक 1000 गांवों में मौजूदा बिल्डिंग को ही ठीक करके उनमें ई-लाइब्रेरी बना चुके हैं। इन लाइब्रेरी में कंप्यूटर सिस्टम, वाईफाई सुविधा, सीसीटीवी कैमरों व पुस्तकों की खरीद को मंजूरी मिल चुकी है। हमारी कोशिश 15 अगस्त को इन लाइब्रेरी का उदघाटन करवाने की है। दूसरे चरण में 1500 और बिल्डिंग चिह्नित की गई हैं और अब इन पर काम शुरू होगा। इसके बाद जिन गांवों में बिल्डिंग उपलब्ध नहीं हैं, वहां लाइब्रेरी के लिए नये भवन बनाए जाएंगे। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी चाहते हैं कि प्रदेश के हर गांव में ई-लाइब्रेरी स्थापित की जाए।