TIL Desk Lucknow/ इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ आर्किटेक्ट्स (आईआईए) यूपी चैप्टर द्वारा आयोजित “आईआईए नैटकॉन 2024” का लखनऊ में शानदार शुभारंभ हुआ। यह तीन दिवसीय मेगा आर्किटेक्चर इवेंट 9 से 11 फरवरी तक इकाना स्टेडियम में आयोजित किया गया। इस दौरान आयोजित एग्जिबिशन में देश-विदेश की 60 कंपनियां अपने आर्किटेक्चर और बिल्डिंग से संबंधित उत्पादों का प्रदर्शन कर रही हैं। यह प्रदर्शनी 11 फरवरी तक सुबह 10 बजे से शाम 7 बजे तक खुली रहेगी। इस प्रदर्शनी में सभी के लिए प्रवेश निशुल्क है।
इवेंट के पहले दिन, उत्तर प्रदेश के तकनीकी शिक्षा मंत्री आशीष सिंह पटेल ने आर्किटेक्चर के छात्रों के लिए आयोजित होने वाली वर्कशॉप्स का उद्घाटन किया। इस अवसर पर, उन्होंने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि वास्तुकला एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें रचनात्मकता और तकनीकी कौशल का मेल होता है। उन्होंने छात्रों से आग्रह किया कि वे इस इवेंट का अधिकतम लाभ उठाएं और देश के प्रतिष्ठित आर्किटेक्ट्स से सीखें।
आज के कार्यक्रम में “ओरिगेमी” और “बिल्डिंग इंफॉर्मेशन मॉडलिंग (बीआईएम)” विषयों पर स्टूडेंट वर्कशॉप्स आयोजित की गईं। इन वर्कशॉप्स में, छात्रों ने वास्तुकला के विभिन्न पहलुओं के बारे में व्यावहारिक जानकारी प्राप्त की। प्रसिद्ध वास्तुकार आशीष सोमपुरा ने “राम मंदिर निर्माण” पर एक प्रेरणादायक प्रेजेंटेशन दिया। अयोध्या में निर्मित राम मंदिर के मुख्य वास्तुकार आशीष सोमपुरा ने प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली बार राम मंदिर निर्माण पर अपना प्रेजेंटेशन दिया है।
इस कार्यक्रम में एक बड़ी होम डेकोर एग्जिबिशन भी आयोजित की गई है, जिसमें 60 देश-विदेश की कंपनियां आर्किटेक्चर और बिल्डिंग से संबंधित अपने प्रोडक्ट्स प्रदर्शित कर रही हैं। इस तीन दिवसीय मेगा इवेंट में लगभग 2500 प्रतिनिधियों के भाग ले रहे हैं। इनमें से देश के अलग-अलग हिस्सों से 1500, उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से 500 आर्किटेक्ट्स और अलग-अलग आर्किटेक्चर कॉलेजों के 500 छात्र शामिल हैं।
संदीप कुमार सारस्वत, चेयरमैन आईआईए यू.पी. चैप्टर ने इस आयोजन के विषय में बात करते हुए कहा, “आईआईए नैटकॉन 2024 न केवल उत्तर प्रदेश में बल्कि पूरे देश में शहरीकरण से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों पर बातचीत के लिए एक मंच प्रदान कर रहा है। आईआईए नैटकॉन 2024 का उद्देश्य ‘संवर्धन’ थीम के तहत व्यावसायिक विकास को बढ़ावा देना है। हम न केवल उत्तर प्रदेश में बल्कि देश भर में आर्किटेक्ट्स के बीच संवाद को बढ़ावा देकर भारत के निर्माण और बुनियादी ढांचे क्षेत्रों में चुनौतियों का समाधान करने का प्रयास कर रहे हैं।”