कुरुक्षेत्र
हरियाणा के एक स्टेट हाईवे पर किसान ने दीवार खड़ी करनी शुरू कर दी। इसके चलते ट्रैफिक को डायवर्ट करना पड़ा और लोग खेतों से होते हुए निकलने को मजबूर हो गए। यह मामला कुरुक्षेत्र से पहोवा को जोड़न वाले स्टेट हाईवे का है। यहां किसान बलविंदर सिंह और उनके परिवार ने स्टेट हाईवे पर ही दीवार की चिनाई शुरू करा दी। यात्री निकले तो देखा कि स्टेट हाईवे बंद है और वहां मजदूर दीवार बनाने में लगे हुए हैं। इन लोगों ने यात्रियों से कहा कि यह जमीन उनकी है और यदि उन्हें आगे का रास्ता तय करना है तो फिर खेतों से होकर जाएं। बड़ी संख्या में बाइक और अन्य वाहन खेतों से होकर गुजरने भी लगे। फिर भी वहां बड़े वाहन खड़े रहे और जाम लगता चला गया।
जानकारी मिलने पर प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। इन अधिकारियों ने बलविंदर और परिवार को समझाने का प्रयास किया कि वे रास्ता बंद न करें। इस पर बलविंदर ने कहा कि यह हमारी जमीन है और सरकार मुआवजा दे। ऐसा नहीं होगा तो फिर हम अपनी जमीन पर कब्जा लेंगे। अब पुलिस ने पहोवा थाने में बलविंदर सिंह के 5 लोगों और कुछ अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया है। यह केस लोक निर्माण विभाग के एसडीओ की तहरीर पर दर्ज हुआ है। शिकायत में कहा गया है कि जिला प्रशासन को बिना कोई सूचना दिए ही रास्ता बंद किया गया। इससे लोगों को परेशानी हुई। इसके अलावा कई बार गुजारिश के बाद भी रास्ता नहीं खोला गया।
एसएचओ जनपाल सिंह ने भी केस दर्ज करने की पुष्टि की है, लेकिन अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। दरअसल यह पूरा मामला जमीन के मुआवजे से जुड़ा है। एडवोकेट मिथुन अत्री का कहना है कि बलविंदर सिंह और उनके परिवार की 22 मरला जमीन है। बलविंदर सिंह ने 2010 में अपनी जमीन की पैमाइश कराई थी और पता चला कि हाईवे उनकी जमीन से गुजरता है। इस पैमाइश के आधार पर पहोवा कोर्ट में बलविंदर सिंह ने केस दर्ज किया। अदालत ने 2013 में बलविंदर की सुनवाई करते हुए आदेश दिया कि सरकार या तो मुआवजा दे या फिर जमीन वापस करे। इस आदेश पर सरकार ने कोई फैसला अब तक नहीं लिया है।
इसके बाद फिर किसान ने फैसले को लागू करने की मांग करते हुए 2018 में अर्जी दाखिल की। याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने पीड़ित पक्ष को जमीन लेने का आदेश दिया। इसी बीच सरकार ने मुआवजा भी जारी किया, लेकिन किसान के अनुसार वह काफी कम था। फिर सरकार ने उच्च न्यायालय का रुख किया। यहां सरकार की अर्जी खारिज हो गई और फिर किसान ने जमीन ही कब्जा करने का फैसला कर लिया और स्टेट हाईवे पर दीवान खड़ी करनी शुरू कर दी। इस मामले में बलविंदर सिंह को 5.50 लाख का ही मुआवजा मिला है, जबकि परिवार का कहना है कि यह रकम काफी कम है।