गाजियाबाद
गाजियाबाद के लोनी से भाजपा विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने इस बार बकरीद से पहले अनोखी मांग कर दी है। उन्होंने कहा है कि मुस्लिम समुदाय के लोगों को असल बकरा काटने के बजाय केक का बकरा बनाकर उसे काटना चाहिए। उन्होंने इसके जरिए इको फेंडली बकरीद मनाने की अपील की है। उन्होंने कहा, हमारे यहां पशु बलि से संबंधित अध्यादेश है। इसलिए, मुसलमान पर्यावरण के अनुकूल प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए असली बकरे की बलि देने के बजाय बकरे के आकार का केक काटकर प्रतीकात्मक रूप से जश्न मनाते हैं। लोनी में, इस परंपरा का पालन एक उदाहरण के रूप में किया जाता है।
'लोनी से सबक लें मुसलमान'
पत्रकारों से बात करते हुए भाजपा विधायक ने कहा, देश के मुसलमान लोनी से सबक लें क्योंकि वहां इकोफ्रेंडली ईद मनाई जाती है। उन्होंने कहा, हजरत इब्रहिम साहब ने अपने बेटे की कुर्बानी दी थी। लेकिन डुम्बा जैसे प्रकट हुआ। लेकिन डुम्बा तो भारत में भी नहीं है, उसकी जगह हम सांकेतिक रूप में बकरे पर आ गए तो बकर की जगह केक क्यों नहीं। उन्होंने आगे कहा, देश में कोरोना सामने हैं। हिन्दुओं ने जब नारियल और कद्दू को बलि के रूप में स्वीकार कर लिया है और जीव हत्या को बंद किया है। ये महात्मा बुद्ध, महावीर और श्रीकृष्ण की भूमि है। दूध-घी की नदियां बहती हैं।
डीसीपी को लिखा था पत्र
इससे पहले नंदकिशोर गुर्जर ने डीसीपी रूरल को पत्र भी लिखा था। इसी के साथ उन्होंने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म एक्स पर कहा, लोनी में प्रशासन एयरक्राफ्ट ऑर्डिनेंस, पशुधन अधिनियम, 1960 का पालन, गौवंशों व अन्य किसी जीव की हत्या न हो यह सुनिश्चित करें। सूचना प्राप्त हुई है कि बड़े पैमाने पर लोनी में पशुओं का कटान किया जा सकता है, ऐसे में कुछ लोग संवेदनशील लोनी के माहौल को बिगाड़ने के लिए गौवंशों की हत्या भी कर सकते है। मुस्लिम समाज के भाईयों से भी अपील कि है कि प्रगतिवादी सोच का हिस्सा बने। पूर्व की तरह जिसमें लोनी हित में मुस्लिम समाज के लोगों द्वारा इको फ्रेंडली सांकेतिक तौर पर केक का बकरा काटकर ईद शांतिपूर्ण तरीके से मनाई गई थी जिसकी चहुंओर प्रशंसा भी हुई।